कोरोना वायरस के प्रकोप से देश को बचाने के लिए लॉकडाउन या घरबंदी की मीयाद 19 दिन और बढ़ा दी गई है। इस बीच शेयर बाज़ार छुट्टियों के अलावा बराबर खुला रहा। वह पस्ती से थोड़ा बाहर निकला नज़र आ रहा है। 24 मार्च को घरबंदी लागू होने से सोमवार 13 अप्रैल तक के मात्र बारह ट्रेडिंग सत्रों में निफ्टी-50 सूचकांक 15.29% बढ़ चुका है। लेकिन बाज़ार से अनिश्चितता का साया अभी तक उठा नहीं है तो जोखिम सामान्य रेंज में नहीं आ सका है। ऐसे में रिटेल व एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) ट्रेडरों के लिए फिलहाल बाज़ार से दूर ही रहना बेहतर होगा।
वैसे भी अनिश्चितता के माहौल में शॉर्ट सेलिंग करनेवाले ही ज्यादा कमाते हैं और शॉर्ट सेलिंग केवल डेरिवेटिव सौदों में ही हो सकती है। इसमें भी आम लोगों का रुझान स्टॉक डेरिवेटिव्स की बजाय इंडेक्स डेरिवेटिव्स में ज्यादा रहता है। खासतौर पर लोगबाग निफ्टी और बैंक निफ्टी ऑप्शंस में जमकर ट्रेड करते हैं। फ्यूचर्स से इसलिए बचते हैं क्योंकि उनकी ट्रेडिंग के लिए भारी पूंजी चाहिए होती है। लोगों का रुझान डेरिवेटिव्स में इसलिए भी है क्योंकि यहां भावों में थोड़े से अंतर पर कई गुना ज्यादा कमाया जा सकता है। एक-एक दिन में 30-40% कमाना यहां बड़ी आम बात है। यह अलग बात है कि यहां गंवाना भी उतना ही ज्यादा पड़ता है।
डेरिवेटिव ट्रेडिंग का एक फायदा यह भी है कि कमोडिटी और फॉरेक्स ट्रेडिंग में बिना इसे जाने कोई उतर ही नहीं सकता। इसलिए हमने सोचा कि क्यों न लॉक-डाउन की बढ़ी हुई अवधि का इस्तेमाल डेरिवेटिव ट्रेडिंग को सीखने-समझने में लगा दिया जाए। जाहिर है कि यह इतना दुरूह विषय है कि इतने कम समय में इसे कायदे से नहीं समझा जा सकता। फिर भी हमारी कोशिश होगी कि इतने दिनों में डेरिवेटिंग ट्रेडिंग की मोटा-मोटी जानकारी हासिल कर ली जाए। बाकी जिनको ज्यादा गहराई से जानना है कि वे इंटरनेट से जॉन सी. हल की किताब – Options, Futures, and Other Derivatives की पीडीएफ फाइल मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
हम डेरिवेटिव्स को समझने के बाद खासतौर पर निफ्टी फ्यूचर्स व ऑप्शंस में पैठने की कोशिश करेंगे। इसमें भी एक चैनल ट्रेडिंग होती है। इसे अच्छी तरह जानेंगे। ऐसा इसलिए कि आपने ध्यान दिया होगा कि शेयर बाज़ार के खुले होने पर अर्थकाम की वेबसाइट के दाहिने कोने में निफ्टी की दशा-दिशा शीर्षक से एक टेबल आती है। इसके आखिरी कॉलम में संभावित दायरा में निफ्टी की नीचे-ऊपर की रेंज का अनुमान पेश किया जाता है। यह अनुमान अमूमन बाज़ार खुलने के लगभग एक घंटे पहले 8.15 बजे के आसपास आ जाता है। इसका अभी तक का ट्रैक-रिकॉर्ड यह रहा है कि यह 85% से 90% मामलों में सटीक बैठता है। आज से यह टेबल भी बदस्तूर पेश की जा रही है। इसके बाद कल से डेरिवेटिंग ट्रेडिंग की पढ़ाई। बाज़ार जब भी खुला रहेगा, उस दिन एक लेख या अध्याय।