प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक भारत के उद्योग-धंधों या व्यापार मे निवेश करते हैं। इस तरह देश में रोज़गार के थोड़े-बहुत अवसर पैदा करते हैं। उनकी कमाई का थोड़ा हिस्सा भारतीयों को भी मिलता है। लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई/एफआईआई) का मकसद बाहर से डॉलर, यूरो या येन जैसी विदेशी मुद्रा लाकर भारत के ऋण या शेयर बाज़ार से विशुद्ध कमाई करना होता है। उनके भारतीय ऑफिस में मुठ्ठीभर कर्मचारी होते हैं, जबकि कमाई जबरदस्त। अब मंगलवार की दृष्टि…
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