बहुत साफ-सी बात है कि मूल्य सामाजिक लेनदेन का पैमाना है। मूल्य किसी चीज को उतना ही मिलता है, जितना लोग उसे भाव देते हैं। और, लंबे समय तक भाव पाने के लिए उस चीज की अपनी औकात और दमखम होना जरूरी है। हम लंबे समय में फलने-फूलनेवाली ऐसी ही सामर्थ्यवान और संभावनामय कंपनियां आपके लिए छांटकर लाने की कोशिश करते हैं। साथ ही आपसे अपेक्षा भी करते हैं कि निवेश करने से पहले खुद एक बार अपने स्तर पर जांच-परख कर लें क्योंकि पीतल को सोना और कोयले को हीरा समझने की चूक हमसे भी हो सकती है।
आज की कंपनी है केवल किरण क्लोदिंग। यह यूं तो देश की तमाम ब्रांडेड परिधान बनानेवाली कंपनियों में से एक है। लेकिन औरों से भिन्न है इस रूप में कि इसने दुनिया-जहान में हाथ-पैर मारने के बजाय घरेलू बाजार पर खुद को फोकस रखा है। जहां तमाम टेक्सटाइल कंपनियां विदेशी मुद्रा के उतार-चढ़ाव के रिस्क से जूझती है, वहीं यह उससे मुक्त है। जहां दूसरी कंपनियां जगह-जगह उत्पादन इकाइयां लगाने और अपने रिटेल स्टोर खोलने के चक्कर में कर्ज के बोझ तले दब जाती हैं, वहीं केवल किरण कमोबेश कर्ज-मुक्त कंपनी है। उसका ऋण-इक्विटी अनुपात मात्र 0.06 का है। ब्रोकरेज फर्म एडेलवाइस के डाटाबैंक के मुताबिक कंपनी का इक्विटी पर रिटर्न 24.79 फीसदी और नियोजित पूंजी पर रिटर्न 36.17 है।
यह 1981 में बनी कंपनी है। किलर जींस इसी का ब्रांड है और उसकी कुल बिक्री का लगभग 50 फीसदी हिस्सा इसी से आता है। इसके अलावा इजीज़, लॉमैन, इंटिग्रिटी, के-लॉन्ज व एडिक्शंस इसके कुछ अन्य ब्रांड हैं। जींस से लेकर शर्ट, पैंट व जैकेट तक खरीदने जाएं तो ये ब्रांड आपको आमतौर पर दुकानों में दिख जाते हैं। स्मॉल कैप कंपनी है तो शेयर गहरा गोता और तगड़ा उछाल मारता रहता है। तीन साल पहले मार्च 2009 में इसका दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर 91.50 रुपए पर डोल रहा था। लेकिन पिछले साल 19 सितंबर 2011 को 875 रुपए के शिखर पर पहुंच गया। फिलहाल कल, 16 अप्रैल 2012 को बीएसई (कोड – 532732) में 650 रुपए और एनएसई (कोड – KKCL) में 654.95 रुपए पर बंद हुआ है।
बीते वित्त वर्ष 2011-12 की जून तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 42.60 फीसदी और सितंबर तिमाही में 22.24 फीसदी बढ़ा था। लेकिन दिसंबर 2011 की तिमाही में 22.36 फीसदी घट गया। असल में कंपनी की बिक्री इस दौरान मात्र 1.87 फीसदी बढ़कर 64.20 करोड़ रुपए पर पहुंची, जबकि शुद्ध लाभ 22.36 फीसदी घटकर 8.75 फीसदी पर आ गया। वैसे, दिसंबर 2011 तक के नौ महीनों में कंपनी 233.45 करोड़ रुपए की बिक्री पर 39.73 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है।
इससे पिछले पूरे साल 2010-11 में उसने 235.31 करोड़ रुपए की बिक्री पर 46.23 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। तब उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 37.51 रुपए था। अभी दिसंबर 2011 तक के बारह महीनों का ईपीएस 41.22 रुपए है। इस तरह उसका शेयर फिलहाल 15.77 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जाहिर है कि इस स्तर यह थोड़ा महंगा है। लेकिन यही शेयर गिरकर अगर 520 रुपए के आसपास आ जाए तो इसे मजे में खरीदा जा सकता है क्योंकि जानकार मानते हैं कि अगले पांच साल में यह 1000 रुपए के पार जा सकता है। इसके पीछे उन्होंने तमाम गणनाएं भी पेश की हैं। इस शेयर का पिछले 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 523.15 रुपए का है जो इसने 25 मई 2011 को हासिल किया था।
कंपनी ने मेट्रो शहरों के बजाय टियर-2 और टियर-3 शहरों पर खुद को केंद्रित कर रखा है। वह देश के करीब 100 शहरों तक पहुंची है जिनमें से लगभग तीन-चौथाई छोटे व मध्यम स्तर के शहर हैं। कंपनी ने अपने उत्पादों के दाम ऐसे रखे हैं कि आम मध्यवर्ग उन्हें आसानी से खरीद सके। देश में जिस तरह युवा आबादी का दबदबा है और गरीब से गरीब तबके में भी आधुनिक दिखने का चलन है, उसमें कोई मंदी कंपनी के धंधे पर ज्यादा नहीं तोड़ सकती। इसलिए हमें तो लगता है कि कंपनी का बिजनेस मॉडल अच्छा है जिसमें रिस्क कम और मुनाफा ज्यादा है।
कंपनी की 12.33 करोड़ रुपए की इक्विटी का 74.06 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों ने अपने पास रखा हुआ है। यह कंपनी के प्रति उनके जुड़ाव और भरोसे का परिचायक है। कमाल की बात है कि एफआईआई ने इस स्मॉल कैप कंपनी के 12.11 फीसदी शेयर ले रखे हैं, जबकि डीआईआई का निवेश 4.99 फीसदी है। कॉरपोरेट निकायों, अनिवासी भारतीयों व ट्रस्टों के पास इसके 3 फीसदी शेयर हैं। इस तरह सचमुच की पब्लिक के पास इसके केवल 5.8 फीसदी शेयर हैं। उसके कुल शेयरधारकों की संख्या 5255 है। इनमें एक लाख रुपए के कम लगानेवाले निवेशकों की संख्या 4946 यानी, 94.12 फीसदी है जिनके पास कंपनी के 4.10 फीसदी शेयर हैं। प्रवर्तकों से भिन्न उसके चार बड़े शेयधारकों के पास 14.48 फीसदी शेयर हैं जिनमें सबसे ज्यादा 9.74 फीसदी शेयर नालंदा इंडिया फंड के पास हैं। कंपनी बराबर लाभांश देती रही है। अभी पिछला लाभांश उसने 16 मार्च 2012 को दस रुपए पर छह रुपए (60 फीसदी) का दिया है। उसका लाभांश यील्ड 2.54 फीसदी है।