बाजार खुला तो बढ़कर, लेकिन कल आनेवाली क्रेडिट पॉलिसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजों और डेरिवेटिव (फ्यूचर्स व ऑप्शंस) की एक्सपायरी से जुड़ी चिंताओं ने उसे बांध रखा है। ट्रेडरों ने काफी शॉर्ट सौदे कर रखे हैं। बाजार को कल रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में वृद्धि और रिलायंस के उतने अच्छे नहीं आने की उम्मीद है। शॉर्ट सौदों की खास वजह यही है।
मेरा अपना मानना है कि बाजार तेजी के एक नए चक्र में प्रवेश करने जा रहा है, जिसमें निफ्टी का पहला लक्ष्य 6000 का होगा और फिर यह 7500 की मंजिल की तरफ कूच कर जाएगा। अभी तक आप ज्यादातर वक्त उहापोह में फंसे रहे, इसलिए बाजार के उठने के दौर का फायदा उठाने से चूक गए। अभी आपको हर गिरावट पर खरीद की कोशिश करनी चाहिए।
जो स्टॉक्स बटोरकर रखे जा सकते हैं, उनमें मिड कैप में प्रमुख हैं – विम प्लास्ट, गिलैंडर्स, इंडियन ह्यूम पाइप, कैम्फर एंड एलायड। इन सबका प्रबंधन जांचा-परखा है। स्मॉल कैप में क्वेंटेग्रा, आरडीबी, आईओएल नेटकॉम, ब्रशमैन, धामपुर शुगर स्पेशयलिटी, एसएनएल, एचबी एस्सेट, विंडसर, वैलिएंट, शिवालिक, एलनेट, स्टाइलम और स्टील स्ट्रिप्स इंफ्रा अब भी काफी आकर्षक हैं। आप इनमें से किसे चुनते हैं और किसे नहीं, यह आपकी मर्जी पर है।
नतीजों से आईएफसीआई पर काफी दबाव बढ़ गया। निवेशकों ने सोचा कि इसकी कहानी अब खत्म हो गई है। लेकिन शेयर फिर से कूदकर 62 पर आ गया है। मारुति सुजुकी के तिमाही नतीजे अच्छे नहीं रहे। शुद्ध लाभ में गिरावट की वजह अन्य आय में कमी और कुछ राइट ऑफ है। लेकिन बढ़त तो साफ दिखती है। आप देश की नबंर-1 ऑटो कंपनी को इस तरह अनदेखा नहीं कर सकते। यह भारती और आइडिया की तरह पलटकर उठेगी। इसमें पूरे धीरज के साथ अपना निवेश बरकरार रखें।
जरूरी जोखिम उठाए बगैर फल नहीं मिलता। आरडीबी इंडस्ट्रीज का शेयर 100 रुपए से गिरकर 50 रुपए पर आ गया तो सबसे यही समझा कि इसका किस्सा अब खत्म हुआ। लेकिन हकीकत यह नहीं है। एफडीआई में देरी और सिगरेट कारोबार की अलग लिस्टिंग आरडीबी के लिए वरदान बन गई है। अब आरडीबी का प्रबंधन किसी भी घरेलू कंपनी से गठजोड़ कर सकता है। यह आईटीसी या दूसरी कोई एफएमसीजी कंपनी हो सकती है। इस समय का 60 करोड़ रुपए का बाजार पूंजीकरण आरडीबी का सही मूल्य नहीं दर्शाता। इस मूल्य पर तो प्रवर्तक अगर बेचने को राजी हों तो मैं कंपनी की पूरी की पूरी 100 फीसदी शेयरधारिता खरीदने को तैयार हूं।
प्रतिकूल हालात आने पर असली प्रतिभा निखर कर सामने आती है। नहीं तो सामान्य स्थितियों में वह आंखों से ओझल, कहीं कोने में दुबकी पड़ी रहती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)