बोफोर्स का भूत एक बार फिर कांग्रेस के पीछे पड़ गया लगता है। एक आयकर ट्राइब्यूनल ने कहा है कि होवित्जर तोप सौदे में दिवंगत विन चड्ढा और इटली के व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को 41 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई थी और ऐसी आमदनी पर भारत में उन पर कर देनदारी बनती है।
आयकर अपीली ट्राइब्यूनल ने 98 पृष्ठों के आदेश में कहा कि इस संबंध में निष्क्रियता से यह अनचाही धारणा बन सकती है कि भारत एक नरम देश है और यहां कोई भी कर कानूनों का इस्तेमाल कर आसानी से बच सकता है। ट्राइब्यूनल ने विन चड्ढा के बेटे की अपील को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।
आयकर विभाग ने 1987-88 और 1988-89 के लिए कर के रूप में विन चड्ढा से करीब 52 करोड़ रुपए का दावा किया था। ट्राइब्यूनल ने अपने आदेश में 1986 में हुए 1437 करोड़ रुपए के सौदे में तोप बनाने वाली कंपनी द्वारा किसी बिचौलिए के होने से इनकार किए जाने का भी जिक्र किया गया है। इसके अलावा राशि हस्तांतरित किए जाने के लिए कई खाते खोले जाने के प्रयासों का भी जिक्र है।