आप शेयर बाज़ार में निवेश करने जाएं तो साफ गिन लें कि कितना धन डुबाने का जोखिम ले रहे हैं। मुमकिन है कि किसी कंपनी में आपने जितना धन लगाया, वह सारा का सारा डूब जाए। जब जेब और मन इसके लिए तैयार हो, तभी निवेश करें। नहीं तो बेहतर होगा कि सरकार के बॉन्ड, बैंकों की एफडी या पीपीएफ वगैरह में अपना धन पार्क कर दें, जहां कम से कम मूलधन तो सुरक्षित बना हुआ दिखेगा। उसे अगर मुद्रास्फीति ने खोखला भी कर दिया तो ऊपर-ऊपर नज़र नहीं आएगा। इसलिए मन को उतना नहीं खलेगा। लेकिन 100 में खऱीदा शेयर 90 से होता हुआ 70-60 और 20-10 से होते हुए किसी दिन दो-पांच रुपए का हो जाए तो कलेजा चाक-चाक हो जाता है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश से पहले ही दिल को समझा लें कि उसमें लगा सारा धन किसी दिन ज़ीरो भी हो सकता है। दो-चार गुना हो गया, 40-50% रिटर्न दे दिया तो बहुत अच्छा। नहीं तो कोई बात नहीं। शेयरों में निवेश जुआ नहीं है, लेकिन है बहुत रिस्की। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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