चीन में 50 अरब अमेरिकी डॉलर के दवा बाजार को विदेशी कंपनियों के लिए खोले जाने की तैयारी के बीच भारत ने घरेलू कंपनियों की वकालत करते हुए कहा कि वे पड़ोसी देश को सस्ती दर पर जीवन रक्षक दवा उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।
चीन में भारतीय दूतावास में व्यापार और वाणिज्य दूत के नागराज नायडू ने कहा, ‘‘चीन का दवा बाजार तेजी से बढ़ रहा है और इसका आकार 50 अरब डॉलर के करीब है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दवा क्षेत्र में भारत प्रगति कर रहा है और घरेलू दवा कंपनियां चीन को सस्ती जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करा सकती हैं।’’
शांघाई मे आयोजित ‘भारत-चीन दवा व्यापार सम्मेलन’ में नायडू ने यह बात कही। इस सम्मेलन में 100 भारतीए और चीनी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चीन में दवाइयों के क्षेत्र के खुलने से भारतीय कंपनियों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं क्योंकि चीन सरकार ने 2020 तक देश की पूरी आबादी को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है।
दवा क्षेत्र को खोले जाने की चीन सरकार से अपील करते हुए नायडू ने कहा कि इससे व्यापार असंतुलन को दूर करने में भी मदद मिलेगी। दवा क्षेत्र में भारत का निर्यात पिछले साल 12 अरब डॉलर का था और 2015 तक इसके 20 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है।