हद से हद

विश्वास के बिना दुनिया नहीं चलती, लेकिन अंधविश्वास हमें अंधेरी खाईं में धकेल देता है। संशय के बिना जीवन में नया कुछ जानना मुमकिन नहीं, लेकिन संशयात्मा बनते ही जीवन थम जाता है। वही रसायन दवा होता है और एक सीमा के बाद ज़हर।

 

1 Comment

  1. wahhh bahut hi achha !!!! viswas ko yedi atmviswas ki gahraiii se dekhe aur sune to sanshai ke badal cnhhat sakete h .

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