देश की सबसे बडी एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने अपने 2.25 करोड़ शेयर, बाजार से वापस खरीदने का फैसला किया है। ये शेयर अधिकतम 280 रुपए के मूल्य पर खरीदे जाएंगे। कंपनी इस बायबैक पर कुल 630 करोड़ रुपए खर्च करेगी। खरीद बीएसई व एनएसई दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों से खुले तौर पर जाएगी। कंपनी का कोई भी शेयरधारक अपने शेयर वापस कंपनी को 280 रुपए तक के भाव पर बेच सकता है। लेकिन एचयूएल का कोई भी निदेशक और प्रवर्तक कंपनी यूनिलीवर इस बाईबैक में हिस्सा नहीं ले सकती।
कंपनी के निदेशक बोर्ड ने शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया। कंपनी का कहना है कि बायबैक की यह मात्रा 31 मार्च 2010 तक उसकी चुकता पूंजी व फ्री रिजर्व की 25 फीसदी की सीमा के भीतर है। नियमतः कोई भी कंपनी अपनी चुकता पूंजी व फ्री रिजर्व के 25 फीसदी से ज्यादा शेयर वापस नहीं खरीद सकती। अभी कंपनी की चुकता पूंजी 218.17 करोड़ रुपए है और उसके रिजर्व 2364.68 करोड़ रुपए के हैं। जाहिर है कि 630 करोड़ रुपए 25 फीसदी की सीमा से बहुत नीचे हैं। बायबैक के बाद कंपनी की चुकता पूंजी घटकर 215.92 करोड़ रुपए हो जाएगी। बायबैक का फैसला कंपनी शेयरधारकों की मंजूरी के बाद ही लागू होगा। इसके लिए पोस्टल बैलट से शेयरधारकों की राय इकट्ठा की जाएगी।
एचयूएल के शेयर शुक्रवार को बीएसई में 252.50 रुपए और एनएसई में 252.70 रुपए पर बंद हुए हैं। कंपनी ने बायबैक के लिए 280 रुपए का जो मूल्य तय किया है, वह पिछले तीन महीनों में कंपनी के शेयर के बंद भाव के औसत से 20 फीसदी ऊपर रखा गया है। जाहिर है कि सोमवार को कंपनी के शेयरों में बढ़त का रुख रहेगा। शेयर बायबैक होने तक आराम से 280 रुपए तक जा सकते हैं। बायबैक के बाद भी ये इससे ऊपर ही रहने चाहिए। असल में कोई भी कंपनी बाईबैक करती ही इसीलिए है कि बाजार में उसके शेयरों की संख्या घट जाए और भाव बढ़ जाएं। अभी कंपनी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 52.02 फीसदी है। बाकी 47.98 फीसदी शेयर एफआईआई व डीआईआई समेत पब्लिक के पास हैं। बायबैक के बाद प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बढ़कर 52.56 फीसदी हो जाएगी। इसी के हिसाब से उसका फ्लोटिंग स्टॉक घट जाएगा तो भाव भी बढ़ सकते हैं।
चलते-चलते बता दें कि हिंदुस्तान लीवर ने भारत में अपनी शुरुआत 1888 में कपड़ा धोने के साबुन सनलाइट से की थी। हालांकि कंपनी के रूप में उसका गठन 1956 में हुआ। हिंदुस्तान यूनिलीवर का नया नाम उसे जून 2007 से मिला है। आज बीस श्रेणियों में एचयूएल का कोई न कोई ब्रांड है और उसका दावा है कि हर तीन में से दो भारतीय हर दिन उसका कोई न कोई ब्रांड इस्तेमाल करते हैं।
रोचक पोस्ट, पढ़कर अच्छा लगा