देश के हथकरघा क्षेत्र में लगे बुनकरों की संख्या पिछले 15 साल में करीब 33 फीसदी घटकर 43.3 लाख पर आ गई है। कामगारों के शहरी इलाकों में पलायन कर जाने के चलते संख्या में यह कमी आई। 1995 में कराई गई जनगणना के समय देश में हथकरघा बुनकरों की तादाद 65 लाख थी।
हथकरघा विकास आयुक्त आर एन चौबे के मुताबिक, ‘‘बुनकरों की संख्या में इसलिए गिरावट आई है क्योंकि इन बुनकरों की अगली पीढ़ी उच्च शिक्षा और बेहतर करिअर के लिए शहरों की ओर रुख कर रही है।’’ पहली बार, जनगणना की सूचना ई-डिजिटलीकरण के जरिये संग्रह की गई। यह काम नेशनल काउंसिल आफ एप्लायड इकोनामिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने ए सी नीलसन जैसी सलाहकार फर्मों के साथ मिल कर किया है।