इधर डॉलर-रुपए की विनिमय दर में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण निवेशकों की दिलचस्पी निफ्टी फ्यूचर्स से ज्यादा डॉलर-रुपए के फ्यूचर सौदों में हो गई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार, 2 जून को जहां निफ्टी फ्यूचर्स के 21,20,279 कांट्रैक्ट हुए हैं, वहीं डॉलर-रुपए के फ्यूचर्स में हुए कांट्रैक्ट की संख्या 32,83,341 है। इस तरह बुधवार को निफ्टी फ्यूचर्स की बनिस्बत करीब डेढ़ गुना सौदे विदेशी मुद्रा बाजार में एक्सचेंज पर हुए हैं। वह भी तब, जब इसमें देश के दूसरे प्रमुख विदेशी मुद्रा एक्सचेंज एमसीएक्स एसएक्स के आंकड़े शामिल नहीं है। आमतौर में एमसीएक्स एसएक्स में विदेशी मुद्रा का कारोबार एनएसई से ज्यादा होता है।
ऊपर से लगता है जिस तरह यूरोप में अनिश्चितता चल रही है, उसे देखते हुए विदेशी सस्थागत निवेशक (एफआईआई) रुपए में किए गए अपने निवेश की हेजिंग के लिए ऐसा कर सकते हैं। लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि अभी तक विदेशी मुद्रा फ्चूचर्स में एफआईआआई और अनिवासी भारतीयों को भाग लेने की इजाजत नहीं है। इस बीच डॉलर के सापेक्ष भारतीय रुपए में आज थोड़ी मजबूती दर्ज की गई। रिजर्व बैंक के मुताबिक संदर्भ विनिमय दर 47.19 रुपए रही। लेकिन एमसीएक्स एसएक्स और एनएसई में एक डॉलर का भाव 47.2550 रुपए चल रहा था। खबर लिखे जाने तक दोनों एक्सचेंजों में 510 करोड़ डॉलर से ज्यादा के सौदे हो चुके थे।