खाद्य मुद्रास्फीति की दर 5 नवंबर को खत्म सप्ताह में घटकर 10.63 फीसदी पर आ गई है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इसे अच्छा संकेत बताते हुए कहा है कि अगर यही रुख जारी रहा तो आम आदमी को कुछ राहत मिल सकती है।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति इससे पिछले सप्ताह 11.81 फीसदी थी। पिछले साल इसी अवधि में इसकी दर 11.41 फीसदी थी। मुखर्जी ने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, “अगर खाद्य मुद्रास्फीति का यही रुख जारी रहता है तो यह अच्छा संकेत है। खासकर खाने-पीने की वस्तुओं के मोर्चे पर इस तरह का रुख जारी रहने पर कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।”
खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से हालांकि आम आदमी को राहत नहीं मिली है। प्याज और गेहूं को छोड़कर अन्य सभी जिंसों के दाम ऊंचाई पर बने हुए हैं। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर प्याज 22.89 फीसदी सस्ता हुआ, जबकि गेहूं की कीमतों में 3.63 प्रतिशत की कमी आई। इस दौरान अन्य सभी खाद्य वस्तुओं के दाम ऊंचे बने रहे।
जहां सब्जियों के दाम 27.26 फीसदी अधिक थे, वहीं दाल 14.44 फीसदी, दूध 10.74 फीसदी, अंडा, मांस व मछली 11.73 फीसदी महंगे थे। सालाना आधार पर फलों के दाम भी 5.99 फीसदी अधिक थे। मोटा अनाज 3.53 फीसदी ऊंचा था। रेटिंग एजेंसी इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, “अगले हफ्ते मूल्यों में मामूली गिरावट देखने को मिलेगी। नवंबर 2011 के अंत तक खाद्य मुद्रास्फीति के घटकर इकाई अंक में आ जाने की संभावना है।”