अब हर तीन साल पर देश के हर आईआईएम की बाहरी समीक्षा हुआ करेगी, जिस पर फिर आईआईएम परिषद में चर्चा की जा सकती है। यह निर्णय बुधवार को परिषद की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने की। बैठक में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी, उच्च शिक्षा सचिव, आईआईएम के अध्यक्षों व निदेशकों समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में नए आईआईएम स्थापित करने की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा की गई। बताया गया कि सभी नए संस्थानों के लिए जमीन का मसला सुलझा लिया गया है। आईआईएम, काशीपुर के अलावा बाकी सभी नए आईआईएम के निदेशक रख लिए गए हैं। काशीपुर के लिए चयन जल्दी ही हो जाएगा। इस दौरान नए संस्थानों के बीच समन्वय के लिए एक स्थायी समिति का गठन किया गया।
इसके अलावा संस्थानों को ज्यादा स्वायत्तता देने की प्रक्रिया की समीक्षा के दौरान परिषद ने इस बात का संज्ञान लिया कि अहमदाबाद और इंदौर के संदर्भ में नियमावली वगैरह से संबंधित संशोधित दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जा चुका है तथा बेंगलुरु, लखनऊ और कोझिकोड के संदर्भ में प्रक्रिया चल रही है।
परिषद को बताया गया कि सरकार ने हर आईआईएम में रिसर्च और पीएचडी करनेवाले छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए एक स्कीम मंजूर की है। इसके लिए 95 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं जिससे 100 अतिरिक्त पीएचडी कराई जाएगी। साथ ही यह भी तय हुआ कि सभी वर्तमान आईआईएम मिलकर योजना बनाएंगे कि उनके संस्थानों में हॉस्टेल व आवासीय सुविधाओं को कैसे विश्वस्तरीय बनाया जाए।