आर्थिक विकास अगर प्रतिबद्धता के बजाय चुनाव जीतने का राजनीतिक नारा बन जाए तो देश के सामने कभी सच्ची तस्वीर नहीं आती और उसकी अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क होना तय हो जाता है। कहा जा रहा है कि हम बहुत तेज़ी से विकास कर रहे हैं। लेकिन सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि देश का वस्तु निर्यात लगातार पांच महीनों से घटता जा रहा है। दिसंबर 2022 में यह 3.1% घटा था। उसके बाद इस साल जनवरी में 6.6%, फरवरी में 8.8%, मार्च में 13.9% और अप्रैल में 12.7% घटा है। साल भर पहले की तुलना में यह घटकर मार्च में 44.57 अरब डॉलर से 38.38 अरब डॉलर और अप्रैल में 39.70 अरब डॉलर से 34.66 अरब डॉलर पर आ गया। सेवाओं के निर्यात को भी मिला दें तो अप्रैल में हमारा कुल निर्यात 1.99% बढ़ा है, लेकिन मार्च में कुल निर्यात 7.53% घटा था। आगे भी निर्यात बढ़ने की गुंजाइश नहीं दिखती। अब सोमवार का व्योम…
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