विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाज़ार से निकल रहे हैं। उनके निकलने से सिस्टम में डॉलर घट गए तो डॉलर का भाव रुपए में बढ़ गया। दिसंबर तिमाही में विदेशी निवेशकों ने 4.2 अबर डॉलर यहां से निकाले हैं। इससे हमारा रुपया 1.9% खोखला हो गया। समूचे एशिया में सबसे ज्यादा मार रुपए पर पड़ी है। विदेशियों के इस तरह निकलने से बीएसई सेंसेक्स 19 अक्टूबर के शिखर से 10% से ज्यादा गिरने के बाद अब जाकर थोड़ा संभला है। नवंबर में देश का व्यापार घाटा भी 23 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंचा। ऐसे में रुपए के और ज्यादा कमज़ोर होते जाने का अंदेशा है। लगातार चार साल से गिर रहा रुपया इस बार 4% गिर सकता है। हो सकता है कि मार्च 2022 तक डॉलर 78 रुपए का हो जाए। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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