देश भर में 17 मार्च से शुरू सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल बुधवार को बारहवें दिन भी जारी रही। इसकी धमक संसद में भी सुनाई पड़ी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यसभा में बजट पर चर्चा का जबाव देते हुए संकेत दिया कि वे अनब्रांडेड आभूषणों पर उत्पाद शुल्क वापस ले सकते हैं। लेकिन सोने पर बढ़ा हुआ आयात शुल्क वापस लेने से उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि सोने पर बढ़े हुए आयात शुल्क को वापस लेना संभव नहीं है क्योंकि देश में पेट्रोलियम पदार्थों के आयात के बाद सबसे ज्यादा सोने का ही आयात होता है। ऐसे में शुल्क घटाने से सरकार को काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में महज दो टन ही सोना निकाला जाता है और बाकी सारी मांग आयात के जरिये पूरी होती है।
वित्त मंत्री ने दो लाख रुपये अथवा इससे अधिक के आभूषणों की खरीदारी में स्थायी खाता संख्या (पैन) के मुद्दे पर पुनर्विचार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में अभी कोई घोषणा नहीं कर सकते। वित्त विधेयक पारित किये जाने के समय इस बारे में घोषणाएं की जाएंगी।
वित्त मंत्री मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं छोटे आभूषण विक्रेताओं के हालात को समझ सकता हूं। मैं इस पर विचार कर रहा हूं। अब से वित्त विधेयक पारित होने तक के समय में मैं किसी स्वीकार्य फार्मूले पर काम करूंगा।’’
वित्त मंत्री उस संदर्भ में बात कर रहे थे जिसमें उन्होंने अनब्रांडेड सोने के आभूषणों को भी एक फीसदी उत्पाद शुल्क या एक्साइज ड्यूटी के दायरे में लाने का बजट में प्रस्ताव किया है। बजट के इस प्रस्ताव से सर्राफा व्यापारी काफी नाराज हैं और देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोने के आयात पर बढ़ाये गये शुल्क को कम करने की मांग पर प्रणबदा ने कहा इस ‘निष्क्रिय आस्ति’ के आयात से बेशकीमती विदेशी मुद्रा बाहर चली जाती है। भारत में पिछले वित्त वर्ष में 46 अरब डॉलर का सोना आयात किया गया। कच्चे तेल के आयात के बाद सबसे ज्यादा सोने का आयात हुआ।