सागर किनारे सब होता यहां फिक्स

बाजार के पंटर भाई लोग सुबह से ही यह मानकर शॉर्ट हो चले थे कि कल की तेजी टिक नहीं पाएगी क्योंकि बाजार में चहक लाने जैसा तो कुछ है नहीं। अब एक एफआईआई ब्रोकिंग हाउस ने रिपोर्ट जारी कर दी है कि राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के पार चला जाएगा। इसलिए कुछ भी संभावनामय नहीं लग रहा।

क्या आप मेरे केवल एक सवाल का जवाब दे सकते हैं कि बाजार जब 15,500 पर कमजोर दिख रहा था और ऐसे तमाम ब्रोकिंग हाउस 14,000 से 12,000 तक का लक्ष्य फेंकते हुए रिपोर्ट जारी कर रहे थे, तब वे खुद अपनी राय के खिलाफ जाकर खरीद क्यों रहे हैं? उन्हें तो बराबर बिकवाल ही रहना चाहिए था!!

पूरे कैलेंडर वर्ष में एफआईआई की कुल बिक्री 25 करोड़ डॉलर से ज्यादा नहीं रही है जो खुद सारी कहानी कह देती है। अभी तो इसके साथ ही एक मैसेज बाजार में घूम रहा है कि रुपए के गिरने-गिराने और साल के पहले ही दिन विदेशी निवेशकों को सीधे इक्विटी में निवेश की इजाजत देने का मकसद बाहर गए काले धन को देश में वापस लाना हो सकता है। खासकर तब, जब रुपया अपने ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर पर पहुंचा हुआ है। यह बात छह महीने में तब सच साबित हो जाएगी, जब रुपया यहां से पलटता है, बाजार बढ़ता है और अभी 53 रुपए पर अपना डॉलर लाकर टैक्स चुकाने के बाद भी उनको 45 रुपए मिल जाते हैं। इस तरह उनके लिए मामला टैक्स-फ्री रिटर्न का हो जाएगा।

चाहे कुछ भी कह या सुन लिया जाए। पर, मेरा मानना है कि हमारा खोखला बाजार इस जनवरी महीने में बढ़ेगा क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी शॉर्ट हुए पड़े हैं और कैश सेटलमेंट की व्यवस्था बड़े अंतर का माल निकलवाने की पक्की छूट देती है। नहीं तो क्या वजह है कि जेएसडब्ल्यू स्टील में कुछ भी नहीं बदला। फिर भी कल और परसों, दो दिन में वो 12 फीसदी उछल गया। हालांकि आज थोड़ा गिरा है। वैसे, बाजार में वोलैटिलिटी थमने का नाम नहीं ले रही। यहां कोई साता (गुजराती शब्द का माने शांति) नहीं नजर आती। निफ्टी ऊपर में 4782.85 और नीचे में 4728.85, बंद हुआ कल से 0.33 फीसदी घटकर 4749.65 पर। लेकिन वोलैटिलिटी नापनेवाला सूचकांक, इंडिया वीआईएक्स बढ़कर 26.41 पर।

कोई मानें या न माने, भारतीय शेयर बाजार में चीजें फिक्स की जाती हैं। यहां फंड मैनेजर और ऑपरेटर सप्तांह में समुद्र के किनारे के किसी रेस्टोरेंट में मिलते हैं और लहरों की आवाज, नम हवा व खनकते जाम के बीच तय कर लेते हैं कि अगले हफ्ते क्या दशा-दिशा रखनी है। फिर उसी के हिसाब से बाजार में खरीद-बिक्री की जाती है। इनको केवल फिजिकल सेटलमेंट लाकर ‘फिक्स’ किया जा सकता है। लेकिन वे ऐसा होने नहीं देंगे, क्योंकि यह उनके हितों के खिलाफ है। हमारे ट्रेडर बंधु तो आवाज़ उठाने से रहे। इसलिए वे बाजार में चलती जुएबाजी को देखने के लिए अभिशप्त हैं। वे अपनी निष्क्रियता के अलावा इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते। अगर आप किस्मत वाले हैं तो सही कॉल पर आपके खाते में कुछ क्रेडिट आ सकता है। नहीं तो हमेशा उसमें डेबिट ही डेबिट होना है।

इस समय निफ्टी में 4740 पर समर्थन का स्तर है और अगर हम इससे नीचे चले गए तो फटाफट निकल लें। हां, अगर आप दो दिन तक होल्ड कर सकते हैं तो यह 5250 तक पहुंच सकता है।

अगर झूठ से भी कहीं ज्यादा खतरनाक सच का कोई दुश्मन है तो वो है, अड़ियनपना।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

2 Comments

  1. app agar sahi bol rahe hai to apke muh me ladoo.

  2. kab tak 5250 jaye ga, mera to lamba holding hai please comment jaldi digiye

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