एवेरॉन एजुकेशन का शेयर पिछले सात महीनों से कमोबेश एक ही स्तर अटका हुआ है। 17 सितंबर 2010 को 692.50 रुपए पर था। कल 18 अप्रैल 2011 को इसका बंद भाव 681.95 रुपए रहा है। हालांकि इस दौरान यह 7 अक्टूबर 2010 को 756.45 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर बना चुका है। लेकिन अब एक बार फिर इस शेयर में उठान का माहौल बन गया है। उसने कल ही भारत सरकार द्वारा गठित संस्थान नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के साथ संयुक्त उद्यम बनाने का समझौता किया है। एवरॉन स्किल डेवलपमेंट लिमिटेड नाम के इस संयुक्त उद्यम से कंपनी को अगले 12 सालों में 14,250 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान है।
एवेरॉन एजुकेशन के लिए यह काफी बड़ी कामयाबी है। इस खबर की औपचारिक घोषणा के बाद उसका शेयर (बीएसई – 532876, एनएसई – EVERONN) एकबारगी 8 फीसदी बढ़कर 723.80 रुपए तक पहुंच गया था। लेकिन बाद में बाजार की आम गिरावट के बीच 1.81 फीसदी की बढ़त के साथ 681.95 रुपए पर बंद हुआ। अगर कंपनी का अभी तक का हाल देखें तो उसका शेयर सस्ता नहीं लगता। उसका ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 31.69 रुपए है। इस तरह वो इस समय 21.52 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। लेकिन कंपनी की भावी संभावनाओं को देखते हुए इस मूल्यांकन को आकर्षक माना जाएगा।
शायद आप में से कुछ लोगों को याद होगा कि एवेरॉन एजुकेशन का आईपीओ जुलाई 2007 में आया था और इसके अंतर्गत उसका 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर 140 रुपए पर जारी किया गया था। जिन्होंने भी उसके आईपीओ में निवेश किया होगा, आज वे बल्ले-बल्ले कर रहे होंगे। तीन साल में 390 फीसदी का रिटर्न मायने रखता है। लेकिन इसको लेकर यह भावना नहीं होनी चाहिए कि हाय! हम कैसे चूक गए क्योंकि तब से अब तक कंपनी की ताकत भी तीन गुनी से ज्यादा हो चुकी है। उसने 2007-08 में 92.78 करोड़ रुपए की आय पर 13.79 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि 2009-10 में उसकी आय 211.42 करोड़ व शुद्ध लाभ 43.40 करोड़ हो गया।
बीते वित्त वर्ष 2010-11 की बात करें तो दिसंबर 2010 तक के नौ महीनों में ही कंपनी 204.09 करोड़ रुपए की आय पर 44.87 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है। यानी, पिछले पूरे साल का धंधा वह नौ महीने में कर चुकी है। जाहिर है, कंपनी के सालाना नतीजे जबरदस्त रहनेवाले हैं। उसका यह मजबूत वर्तमान अब भविष्य की सुरक्षित यात्रा पर निकल रहा है। कल एनएसडीसी के साथ हुए समझौते के तहत कंपनी 2022 तक 1.50 करोड़ छात्रों को प्रशिक्षित करेगी। प्रति छात्र फीस 14,000 से 18,000 रुपए होगी।
इस संयुक्त उद्यम के जरिए कुल 154 करोड़ रुपए की लागत से देश भर में 271 कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। असल में आपने खूब सुना होगा कि अपने यहां अजीब विरोधाभास है कि बेरोजगारों की फौज है, फिर भी रोजगार पर रखे जा सकनेवाले लोगों का अकाल है। यह भी कड़वी हकीकत है कि भारत में केवल 5 फीसदी छात्रों को वोकेशनल या रोजगारपरक ट्रेनिंग मिलती है, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 60 फीसदी का है। कंपनी इस कमी को पूरा करने के बिजनेस में उतर रही है एक ऐसी सरकारी संस्था – एनएसडीसी के साथ मिलकर जो पब्लिक प्राइवेट पार्नटरशिप पर आधारित है, जिसमें भारत सरकार की हिस्सेदारी 49 फीसदी और निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 51 फीसदी है। यह साझेदारी साल-दो साल की नहीं, बल्कि 12 साल की है।
बता दें कि एवेरॉन एजुकेशन की 60 फीसदी आय इस समय स्कूलों व कॉलेजों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने से आती है। अब कौशल विकास में उतरने से उसका आधार व्यापक हो जाएगा। कंपनी चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 100-120 कौशल विकास केंद्र (स्किल डेवलपमेंट सेंटर) खोलेगी, जबकि तीन साल में ऐसे 1000 केंद्र खोलने की योजना है। अभी कौशल विकास के धंधे का कंपनी की आय में योगदान 5 फीसदी से भी कम है। अगले कुछ सालों में इसे 23-25 फीसदी करने का इरादा है। यह कहना है कंपनी के प्रबंध निदेशक पी किशोर का। कंपनी के निदेशक बोर्ड में जे जे ईरानी और निखिल गांधी जैसे दिग्गज लोग शामिल हैं।
कंपनी की इक्विटी 19.03 करोड़ रुपए है। दिसंबर तिमाही के दौरान प्रवर्तकों ने इसमें अपनी हिस्सेदारी 26.9 फीसदी से बढ़ाकर 42.56 फीसदी कर ली है। इसमें एफआईआई निवेश 29.91 और डीआईआई निवेश 5.65 फीसदी है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 28.811 है। उसके बड़े शेयरधारकों में मॉरगन स्टैनले (3.87 फीसदी), फिडेलिटी सिक्यूरिटीज (1.71 फीसदी), सिटीग्रुप ग्लोबल (1.05 फीसदी) और क्रेडिट सुइस (1.05 फीसदी) शामिल हैं।