किसी दिन कोई हमें बता देता है कि यह सही है और वह गलत। हम उसका ज्ञान ओढ़ लेते हैं। धीरे-धीरे हमारा आचार-विचार यंत्रवत हो जाता है। और, यंत्रवत होते ही हम इंसान के सत्व से हाथ धो बैठते हैं।
2011-04-13
किसी दिन कोई हमें बता देता है कि यह सही है और वह गलत। हम उसका ज्ञान ओढ़ लेते हैं। धीरे-धीरे हमारा आचार-विचार यंत्रवत हो जाता है। और, यंत्रवत होते ही हम इंसान के सत्व से हाथ धो बैठते हैं।
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