केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने इन आरोपों को खारिज किया है कि उन्होंने दूरसंचार मंत्री के पद पर रहते हुए एयरसेल के पूर्व प्रमुख सी शिवशंकरन को अपना बिजनेस बेचने के लिए दबाव डाला था। मारन ने जोर देकर कहा कि वे उचित अधिकारियों के सामने खुद को निर्दोष साबित कर देंगे।
मारन ने मंगलवार को चेन्नई में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप में ज्यादातर यह कहानी बनाने का प्रयास कर रहे हैं कि मैंने एक व्यक्ति को दबाव और जोरजबरदस्ती से बिजनेस बेचने को कहा था। मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि शिवशंकरन लखपति नहीं, अरबपति हैं। कोई किसी पर बिजनेस बेचने के लिए दबाव नहीं डाल सकता।’’
मारन ने कहा कि यूपीए की पहली सरकार में उनके दूरसंचार मंत्री बनने से पहले ही कंपनी अपनी बिक्री के प्रयास कर रही थी। 2004 में प्रकाशित मीडिया खबरों का हवाला देते हुए मारन ने कहा कि उनके दूरसंचार मंत्रालय में आने से पहले एयरसेल अपनी बिक्री का प्रयास कर रही थी। उन्होंने कहा कि, ‘‘यदि किसी को लगता है कि उन पर कारोबार बेचने के लिए दबाव डाला गया तो वह अदालत जा सकता है।’’
शिवशंकरन ने दिल्ली में जांच एजेंसी सीबीआई के समक्ष दिए बयान में कहा था कि था कि मारन ने उन पर जबरन एयरसेल की हिस्सेदारी मलेशियाई कंपनी मैक्सिस को बेचने के लिए दबाव डाला था। सीबीआई ने उनसे कुछ प्रश्नों का जवाब मांगा था।
तीन अरब डॉलर के शिवा ग्रुप का संचालन करने वाले शिवशंकरन ने कहा था कि मारन ने 2006 में दूरसंचार लाइसेंस के लिए उनके अवेदनों को खारिज कर उन्हें अपनी कंपनी एयरसेल मैक्सिस को बचने को मजबूर कर दिया। समझा जाता है कि मलयेशिया की कंपनी मैक्सिस दयानिधि मारन और उसके भाई कलानिधि मारन की नजदीकी है। कंपनी ने बाद में कलानिधि के केबल टीवी उद्यम सन डायरेक्ट में करीब 600 करोड़ रुपए का निवेश कर हिस्सेदारी हासिल की।