केंद्रीय उपभोक्ता मामलात मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नेशनल कंज्यूमर हेल्पाइन पर शिकायतें दर्ज कराने में दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश के ग्राहकों की है। हो सकता है कि इनमें सबसे ज्यादा योगदान दिल्ली से सटे नोएडा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़नेवाले उत्तर प्रदेश के इलाकों का है।
अप्रैल 2011 में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन को ग्राहकों की कुल 10,170 शिकायतें मिलींष। साथ ही वेबसाइट पर 639 शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कराई गईं। कुल शिकायतों में सबसे ज्यादा 28.57 फीसदी, 2906 शिकायतें दिल्ली से थीं। इसके बाद 15.55 फीसदी के योगदान के साथ उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर रहा जहां से ग्राहकों की कुल 1581 शिकायतें हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गईं। इसके बाद महाराष्ट्र (12.26 फीसदी, 1247 शिकायतें), राजस्थान (8.26 फीसदी, 840 शिकायतें) और हरियाणा (8.06 फीसदी, 820 शिकायतें) का नंबर रहा।
इस तरह राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबरों पर 72.7 फीसदी शिकायतें मात्र पांच राज्यों से आई हैं। यह उपभोक्ताओं के बीच इस राष्ट्रीय हेल्पलाइन की सीमित पहुंच को दिखाता है। गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे अहम राज्यों से मामूली शिकायतों का आना हमारी प्रणाली की कमी को दर्शाता है।
अगर सेवाओं की बात करें तो ग्राहकों को सबसे ज्यादा 19 फीसदी या 1955 शिकायतें टेलिकॉम सेक्टर को लेकर हैं। इसके बाद उत्पादों, रसोई गैस, बैंकिंग व बीमा सेवाओं से जुड़ी शिकायतों का अनुपात 16 फीसदी से 5 फीसदी के बीच रहा।
बता दें कि केंद्र सरकार जागो, ग्राहक जागो का अभियान चला रही है। देश भर के ग्राहक अपनी शिकायत सीधे नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की वेबसाइट पर दर्ज करा सकते हैं। साथ ही वे 1800-11-4000 के टोल-फ्री नंबर पर अपनी समस्याएं बता सकते हैं। यहां से उपभोक्ताओं को विभिन्न मसलों पर सुझाव व सहायता भी दी जाती है।