ठीक से घाटा खाना सीख लें, बाकी ठीक!
शेयरों की ट्रेडिंग मूलतः शेयर बाज़ार में हर दिन सक्रिय ट्रेडरों की मानसिकता व आवेग को जानकर उनके बर्ताव को पहले से भांप लेने का खेल है। लेकिन यह कितना संभव है? आप अपने को समझ सकते हैं, अपने जैसे अन्य ट्रेडरों की चाल को समझ सकते हैं, लेकिन जहां देश के कोने-कोने के हमारे जैसे लाखों लोग ही नहीं, विश्व स्तर पर करोड़ों धनवान सक्रिय हों जिनकी नुमाइंदगी फाइनेंस की दुनिया के दिग्गज प्रोफेशनल कर रहेऔरऔर भी
दौर शिकारियों का, सतर्क रहना ज़रूरी
इस समय देश में बेईमानों को बोलबाला है। जो सत्ता का जितना बड़ा दलाल है, जितना ज्यादा दंद-फंद, छक्का-पंजा करता है वो उतना ही बड़ा रईस व कामयाब है। वित्तीय क्षेत्र में तो लगता है कि सेवाएं देने के बजाय सभी सेवाएं लेनेवालों के शिकार पर निकले हैं। इस बात को समझना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि आज 12 अक्टूबर को विश्व निवेशक सप्ताह का आखिरी दिन है जिसके अंतिम संदेश में कहा गया है कि रिस्कऔरऔर भी








