रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। मध्य-पूर्व में इस्राइल ने सबके साथ युद्ध छेड़ रखा है। कभी ईरान तो कभी सीरिया और कभी यमन। गाज़ा में युद्ध-विराम की कोशिशों के बावजूद वो फिलिस्तीनियों को मिटाने तुला है। अपने यहां पहलगाम का आतंकी हमला। फिर ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ जंग। हर तरफ छाए युद्ध के इन हालात से भारत ही नहीं, दुनिया भर के शेयर बाज़ार हलकान हैं। लेकिन इसका मतलब नहीं कि बिजनेसऔरऔर भी

ट्रम्प की टैरिफ यंत्रणा से तिरुपति के टेक्सटाइल, आंध्र प्रदेश व ओडिशा के श्रिम्प व्यापार, सूरत के हीरा कारोबार, कानपुर के चमड़ा व भदोही के कालीन उद्योग और उत्तर, दक्षिण व पूरब-पश्चिम तक फैले कृषि निर्यातकों को गहरा सदमा लगेगा। लेकिन सनफार्मा, डॉ. रेड्डीज़ या फाइज़र जैसी दवा कंपनियों पर कोई फर्क पड़ेगा। साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के पेट्रोलियम उत्पाद और एप्पल के आईफोन भी पहले की तरह बेफिक्र अमेरिका पहुंचते रहेंगे। सरकार चीन, रूस, जापान, ब्रिटेन,औरऔर भी

डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ के ऊपर 25% पेनाल्टी (भारतीय निर्यात पर कुल 50% टैक्स) लगाने का श्रीगणेश कल 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन से कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने परममित्र से सीधे बात नहीं कर रहे, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की चिल्लपो नक्कारखाने में तूती की आवाज़ बनकर रह गई है। प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत, निर्यात के नए रिकॉर्ड और किसी भी दबाव मेंऔरऔर भी

मोदी सरकार जनता की कीमत पर अपने मित्रों और अपना खज़ाना भरने में कितनी तत्पर है, इसका ताज़ा उदाहरण है रूस से किया जा रहे सस्ते कच्चे तेल का आयात। अमेरिका के ट्रेजरी सचिव ने बिना नाम लिए आरोप लगाया है कि इससे मुकेश अंबानी ने 1600 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त मुनाफा कमाया है। कमाल है कि सरकार ने इस साल अप्रैल में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज़ ड्यूटी घटाने के बजाय प्रति लीटर दो रुपए बढ़ा दी। सरकारऔरऔर भी