कितना लंबा चले चुनाव का सन्निपात
शेयर बाज़ार मानकर चल रहा है कि चुनावों के बाद भाजपा दोबारा सत्ता में आएगी, भले ही एनडीए का बहुमत पहले से घट जाए। नतीजे इससे उलट हुए तो बाज़ार उस दिन भारी गिरावट का शिकार हो सकता है। 2004 में चुनाव परिणाम के दिन बाज़ार 15% से ज्यादा टूटा था। हालांकि 2009 में यूपीए के दोबारा चुने जाने पर 20% उछल गया था। लेकिन क्या चुनावी सन्निपात का असर ज्यादा खिंचता है? अब मंगलवार की दृष्टि…औरऔर भी