निवेश करना, कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, टाइप चीज़ नहीं है। न ही जोश का निवेश फलदायी होता है। शेयर बाज़ार में निवेश करते वक्त आप ऐसी कंपनी पर दांव लगा रहे होते हैं जिसका प्रबंधन आप से स्वतंत्र है। इसलिए दो बातों को समझना ज़रूरी है। एक, उसका बिजनेस मॉडल कितना चौकस है। दो, निवेश तभी करें जब शेयर का भाव पर्याप्त सुरक्षा मार्जिन दे रहा हो। अब तथास्तु में आज की संभावनामय कंपनी…औरऔर भी

जब आप यह समझ जाते हैं कि बाज़ार में आपके सौदों या सक्रियता पर खबरों या सूचनाओं का प्रभाव आपके मन में जमी धारणाओं के हिसाब से पड़ता है, तब आप खरीदने या बेचने के सही मौके पकड़ने के लिए यह तलाशने लगते हैं कि भावों के चार्ट पर सच्ची मांग व सप्लाई कहां और कैसे नज़र आती है। टेक्निकल एनालिसिस का सपोर्ट और रेजिस्टेंट सिस्टम इसमें आपकी कोई खास मदद नहीं करता। अब शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी

खबर या सूचना को अपनी मान्यता या मन में बैठे सिस्टम की इस कसौटी पर आंकना चाहिए कि वह बाज़ार में स्टॉक की मांग व सप्लाई की सही रिश्ते में कहां फिट बैठती है। अगर आप यह सुनिश्चित कर लें तो वहां खरीदने के ट्रैप में कभी नहीं फंसेंगे जहां सप्लाई मांग से कहीं ज्यादा हो, यानी बेचने को तैयार बैठे उस्तादों का ज़ोर खरीदने को लालालित नौसिखिया ट्रेडरों की बनिस्बत ज्यादा हो। अब गुरुवार की दशा-दिशा…औरऔर भी

बाज़ार में आनेवाली हर खबर और सूचना हमारी मान्यताओं से होकर गुजरती है। उससे उपजे विचार या नजरिए के आधार पर उनका हिसाब-किताब करते है। उसके बाद तय होता है कि हम क्या करेंगे। शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग हम दो ही काम करते हैं, खरीदना या बेचना। ऐसे में अगर हम बाज़ार से बराबर कमाना चाहते हैं तो केवल एक चीज पर फोकस करना होगा और वो है शेयर का भाव। अब लगाते हैं बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी