सरकार कोल इंडिया में अपनी दस फीसदी हिस्सेदारी बेचकर पूंजी बाजार से लगभग 15,500 करोड़ रुपए जुटाएगी। उसका आईपीओ 18 अक्टूबर को खुलेगा और 21 अक्टूबर तक खुला रहेगा। आईपीओ में मूल्य का दायरा 225 रुपए से 245 रुपए तय किया गया है। केंद्र सरकार इस आईपीओ के जरिए कोल इंडिया के कुल 63.16 करोड़ शेयर बेचेगी। इस तरह मूल्य दायरे के हिसाब से उसे 14,211 करोड़ रुपए से लेकर 15,474 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। यह राशि किसी भी भारतीय कंपनी द्वारा पब्लिक इश्यू के जरिए अब तक जुटाई जानेवाली सबसे बड़ी रकम होगी।
केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने बताआ कि आईपीओ में कोल इंडिया के कर्मचारियों के साथ ही रिटेल निवेशकों को इश्यू मूल्य में 5 फीसदी का डिस्काउंट दिया जाएगा। इस मौके पर कोल इंडिया के चेयरमैन पार्थ भट्टाचार्य ने कहा कि आईपीओ मे रिटेल के साथ-साथ क्वालिफाइड संस्थागत निवेशकों (क्यूआईबी) को भी कंपनी के शेयर बेचे जाएंगे। कंपनी के शेयर 4 नवंबर को बीएसई और एनएसई में लिस्ट हो जाएंगे।
सेबी में दायर प्रॉस्पेक्टस के अनुसार कोल इंडिया भारत ही नहीं, दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है। वित्त वर्ष 2009-10 में उसका कच्चे कोयले का उत्पादन 42.16 करोड़ टन रहा है। उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा कोयला भंडार भी है। बता दें कि कोल इंडिया का विनिवेश सरकार द्वारा करीब 60 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष अंबरीश बालिगा का कहना है कि कोल इंडिया के आईपीओ का मूल्य बाजार की उम्मीद से बेहतर है। उन्हें मूल्य दायरे की ऊपरी सीमा 260 रुपए रखे जाने की उम्मीद थी। इसे संस्थागत निवेशकों से बहुत अच्छा प्रतिसाद मिलने की आशा है।