बाज़ार में जरा-सा माहौल बना नहीं कि निफ्टी के चंद महीनों में 30,000 और साल भर में 40,000 तक पहुंचने की भविष्यवाणी आने लगी। टिप्स की बमबारी शुरू हो गई। इन हवाबाज़ियों को नज़रअंदाज करना चाहिए। तेज़ी के बाज़ार में वही स्टॉक्स खरीदें जो मूलभूत रूप से मजबूत होने के बावजूद किन्हीं तात्कालिक वजहों से दब गए हों। इस दौरान ज्यादा ज़रूरी है अपने पोर्टफोलियो की साफ-सफाई। सबसे पहले उन कमज़ोर स्टॉक्स को निकाल दें जो भूल-चूक से आपने खरीद लिए हों। बाकी बची कंपनियों में देखें कि जिन संभावनाओं को देखकर आपने उनके शेयर खरीदे थे, क्या वे अब भी बनी हुई हैं। अगर नहीं तो उन्हें भी निकाल दें। फिर उन सटॉक्स की शिनाख्त करें जो ज्यादा ही चढ़ गए हैं और 80-90 से लेकर 100 से ऊपर के पी/ई पर ट्रेड हो रहे हैं। उन्हें भी काटकर मुनाफा निकाल लें। इस तरह मिली हुई रकम से पोर्टफोलियो के उन कंपनियों के शेयरों में खरीद बढ़ा सकते हैं जो ज्यादा से ज्यादा 40 के पी/ई पर ट्रेड हो रही हैं। असल में समय कभी एकसमान नहीं होता। मजबूत आधार पर खड़ी कंपनियों को भी झटके लगते रहते हैं। लेकिन कुशल प्रबंधन कंपनी को प्रतिकूल हालात से अंततः उबार ही लेता है। तथास्तु में आज हालात की मारी एक मजबूत कंपनी…
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