रॉबर्ट लाइटहाइज़र डोनाल्ड ट्रम्प की पिछली सरकार में 2017 से 2021 तक अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रहे हैं। उन्होंने 2023 में प्रकाशित अपनी किताब ‘नो ट्रेड इज़ फ्री’ में लिखा है, “जब भी मैं भारतीय अधिकारियों से वार्ता करता था तो देश के करीब 15 खरबपतियों में हर किसी की जीवनी अपनी डेस्क पर रखता था। भारत सरकार की स्थिति का अनुमान लगाने के लिए मैं इन्हीं लोगों के हितों पर गौर करता था।” लाइटहाइज़र इस समय 77 साल के हैं। उनका कहना है कि भारत में सरकार के हर क्षेत्र में बेहद मजबूत नौकरशाही की जकड़बंदी है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है, “मुझे याद है कि जब मैंने बिजनेस में जमकर धन कमा चुके अपने एक भारतीय मित्र से कहा कि मुझे लगता है कि भारत को चलानेवाले 15 बेहद अमीर शक्तिशाली लोग हैं तो उसने मुझे दुरुस्त करते हुए कहा – बॉब, तुम गलत हो। इनमें से केवल सात ही वास्तव में देश चलाते हैं। बाकी तो बस उन सातों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।” फिर भी जब विपक्ष यही सच बोलता है तो मीडिया और सरकारी प्रचार के शोर में उसे दबा दिया जाता है। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था का गुब्बारा जिस तरह जगह-जगह फुस्स हो रहा है, उससे लगता है कि मोदी सरकार का 11 सालों से बनाया गया तिलिस्म जल्दी ही टूटकर बिखर जाएगा। चुनौती यह है कि वहां से भारत को कैसे उबारा जाएगा? अब मंगलवार की दृष्टि…
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