ई-पंचायत की अवधारणा को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों व केन्द्र-शासित क्षेत्रों को राष्ट्रीय पंचायत निदेशिका प्रोफाइलर तैयार करने की सलाह दी है। पंचायती राज मंत्रालय का सुझाव है कि हर पंचायत का एक विशिष्ट कोड होना चाहिए, क्योंकि सभी आवेदन इन विशिष्ट कोड पर आधारित होंगे।
मंत्रालय का कहना है कि राज्यों को यह काम तुरंत पूरा कर लेना चाहिए। हालांकि अभी जीपीएस 2001 की जनगणना के कोड से मापे जाते हैं। इन्हें 2011 की जनगणना के कोड में बदलना है, जिसके लिए उचित सॉफ्टवेयर विकसित किए जा रहे हैं।
अपनी वेबसाइट पहचान व सम्मान प्रदान करती है। इसलिए हर पंचायत के लिए गतिशील वेबसाइट को राष्ट्रीय पंचायत पोर्टल (एनपीपी) के भाग के रूप में तैयार किया गया है। राज्यों को पंचायत वेबसाइटों को अलग से तैयार करने में पुनः निवेश कराने के बजाय प्रत्येक पंचायत के लिए वेबसाइट एडमिनिस्ट्रेटर व कन्टेंट प्रबंधकों की पहचान करनी चाहिए। साथ ही कन्टेंट तैयार करने, अपलोड करने और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
राष्ट्रीय पंचायत प्रोफाइलर को समय-समय पर अद्यतन करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह विस्तृत सामाजिक आर्थिक डाटाबेस तैयार करने में सहायता प्रदान करेगा।