कपास की कीमतें भले ही कमोबेश स्थिर हों, लेकिन कपड़ा मंत्रालय देश की प्रमुख मंडियों में पहुंच रहे कपास की रोजाना निगरानी कर रहा है। कपास की औसत कीमत 4000 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रही है जो तय एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 3100 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक है। यह स्थिति एमएसपी की जरूरत को ही नकार देती है।
कपड़ा क्षेत्र में घरेलू जरूरत के लिए कच्चे माल की आपूर्ति को सुरक्षित करने का काम भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को सौंपा गया है। निगम को निर्देश दिया गया है कि वह वर्ष 2012-13 के नए कपास सत्र में बाजार में पहुंचने वाले कपास से 25 लाख गांठ (एक गांठ = 170 किलोग्राम) कपास का सुरक्षित भंडार तैयार करे।
दिक्कत यह थी कि मंदी के असर की वजह से कपड़ा मंत्रालय 15 दिन से अधिक का भंडार नहीं कर पा रहा है, जबकि 60 लाख कपास की गांठ अनिवार्य भंडार के रूप में रखने की जरूरत है। आशा है कि सीसीआई वर्तमान बाजार मूल्य पर तकरीबन 10 लाख कपास की गांठ प्रति माह की खरीद अगले दो महीने तक करेगा।
यह फैसला बाजार में कीमत की स्थिरता को सुनिश्चित रखने के साथ ही घरेलू बाजार में उद्योगों के लिए कपास की उपलब्धता बनाए रखने के लिए लिया गया है। कल, मंगलवार को सीसीआई ने गुजरात की प्रमुख मंडियों से 4400 प्रति क्विंटल की दर से 11,000 गांठ कपास की खरीदारी की।
