मशक्कत लॉबियों को खुश करने की

अर्थनीति मे राजनीति घुस जाए तो अर्थव्यवस्था का बेड़ा गरक होने लगता है। इस बार बजट में यही हुआ है। इसमें प्रभावशाली लॉबियों को प्रसन्न किया गया है। कॉरपोरेट क्षेत्र को पहले ही टैक्स में भारी रियायत दी जा चुकी थी। उसकी मांग थी कि लाभांश वितरण पर उसे टैक्स के झंझट से मुक्त कर दिया जाए तो यह झंझट आम निवेशकों पर डाल दिया गया। ये कदम अर्थव्यवस्था को उबार नहीं सकते। अब मगलवार की दृष्टि…

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