देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज, बीएसई ने पर्यावरण रक्षा के प्रति देश के कॉरपोरेट जगत की परवाह को दर्शानेवाला सूचकांक, ग्रीनेक्स के नाम से लांच किया है। भारत में अपनी तरह के इस पहले सूचकांक में कुल 20 कंपनियां शामिल हैं। इस सूचकांक की औपचारिक शुरुआत बुधवार को कॉरपोरेट कार्य मंत्री वीरप्पा मोइली ने बीएसई परिसर में आयोजित एक समारोह में की।
बीएसई ने इस सूचकांक का निर्धारण जर्मन सरकार के सहयोग से चलाई जा रही संस्था जीट्रेड, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन और आईआईएम अहमदाबाद के साथ मिंलकर किया है। इस सूचकांक में शामिल 20 कंपनियां हैं…
आईसीआईसीआई बैंक | एचडीएफसी | लार्सन एंड टुब्रो | एसबीआई | टाटा मोटर्स |
हिंदुस्तान यूनिलीवर | टाटा स्टील | एनटीपीसी | सन फार्मा | बीएचईएल |
डॉ. रेड्डीज लैब्स | गैल इंडिया | स्टरलाइट इंडस्ट्रीज | टाटा पावर | सिप्ला |
अंबुजा सीमेंट | ल्यूपिन | डीएलएफ | ग्लैक्सो फार्मा | रिलायंस इंफ्रा |
बीएसई का कहना है कि इस सूचकांक से जहां म्यूचुअल फंडों को नई स्कीमों के निर्धारण में मदद मिलेगी, वहीं निवेशक पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी कंपनियों पर नजर रख सकते हैं। असल में बहुत सारे सामाजिक रूप से जागरूक निवेशक हैं जो बेहतर रिटर्न की उम्मीद में पर्यावरण के प्रति सचेत कंपनियों को ज्यादा मूल्य देने को तैयार हैं। साथ ही इससे सरकार को भी पता चलता रहेगा कि पर्यावरण के प्रति उसकी नीतियों का क्या असर हो रहा है।
बीएसई-ग्रीनेक्स को लांच करते हुए कॉरेपोरेट कार्य मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत जैसे विकासशील देशों में कंपनियों व निवेशकों को उद्यमों द्वारा ऊर्जा के सक्षम इस्तेमाल से सृजित मूल्य को समझने की जरूरत है। मुझे इस बात की खुशी है कि ग्रीनेक्स में शामिल कंपनियां वित्तीय कामकाज और कार्बन दक्षता को मिलाकर चल रही हैं।”
बीएसई के प्रबंध निदेशक व सीईओ मधु कन्नन का कहना था कि भारत कम कार्बन की प्रदूषण-मुक्त अर्थव्यवस्था लाने की विशिष्ट स्थिति में है। हमने अभी तक आर्थिक विकास के केवल धन-संबंधी पहलू पर केंद्रित किया है। अब हमने विकास के पर्यावरण संबंधी पहलुओं पर भी सोचना होगा। समारोह में आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर अमित गर्ग और सेबी के पूर्णकालिक निदेशक राजीव अग्रवाल ने भी शिरकत की।