बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में डेरिवेटिव ट्रेडिंग धीरे-धीरे जोर पकड़ती जा रही है। दो महीने पहले तक महज लाखों में रहनेवाला कारोबार अब 1000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया है। बीएसई से मिली आधिकारिक सूचना के अनुसार मंगलवार, 8 नवंबर को एक्सचेंज में हुआ डेरिवेटिव कारोबार 1054.45 करोड़ रुपए रहा है। यह वोल्यूम 107 ब्रोकरों के जरिए हुए 39,055 सौदों से हासिल हुआ है।
डेरिवेटिव सेगमेंट में आई जान एक्सचेंज द्वारा 28 सितंबर से शुरू की गई स्कीम, लिक्विडिटी एनहैंसमेंट इनसेंटिंव प्रोग्राम (एलईआईपी) का नतीजा है। 28 सितंबर को बीएसई में हुआ डेरिवेटिव कारोबार 330.01 करोड़ रुपए का था। 24 अक्टूबर को यह 546.29 करोड़ रुपए पर पहुंचा। इसके बाद चालू नवंबर माह में लगातार हर दिन बढ़ रहा है। 1 नवंबर को बीएसई में हुआ डेरिवेटिव वोल्यूम 567.32 करोड़ रुपए था। यह 2 नवंबर को 687.96 करोड़, 3 नवंबर को 759.64 करोड़, 4 नवंबर को 901.79 करोड़ और आज, 8 नवंबर को 1054.44 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
मंगलवार को इंडेक्स फ्यूचर्स में हुआ कारोबार 936.14 करोड़ रुपए का रहा, वहीं इंडेक्स ऑप्शंस में हुआ कारोबार 36.56 करोड़ रुपए का था। साथ ही सेंसेक्स में शामिल 30 स्टॉक्स के फ्यूचर्स में 72.72 करोड़ रुपए और ऑप्शंस में 9.03 करोड़ रुपए का वोल्यूम हुआ। गौर करने की बात यह है कि बीएसई ने स्टॉक फ्यूचर्स में फिजिकल सेटलमेंट की व्यवस्था कर रखी है, जबकि एनएसई में केवल कैश सेटलमेंट है। इसलिए माना जा रहा है कि भविष्य में बीएसई के स्टॉक फ्यूचर्स की तरफ परंपरागत एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशक खिंच सकते हैं।
एक्सचेंज का मानना है कि एलईआईपी के रूप में शुरू की गई मार्केट मेकिंग स्कीम से रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ेगी। इस स्कीम को सफल बनाने के ले कुल 107 करोड़ रुपए रखे गए हैं जिसे स्कीम के चालू रहने के सात महीनों में दो चरणों में खर्च किया जाना है। हालांकि एनएसई में आमतौर पर हर दिन डेरिवेटिव सेगमेंट या एफ एंड ओ में होनेवाले एक लाख करोड़ रुपए के वोल्यूम के सामने बीएसई का हजार करोड़ का आंकड़ा कहीं नहीं टिकता, लेकिन बढ़ने की रफ्तार को देखते हुए किसी दिन यह फासला भी मिटाया जा सकता है। एनएसई में मंगलवार को एफ एंड ओ में कुल 82,073.20 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।