विमान निर्माता कंपनी, बोईंग को अमेरिका की संघीय और राज्य सरकारों से अरबों डॉलर की अवैध सब्सिडी मिलती है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने अपने दो साल पुराने इस फैसले को बहुत हद तक सही ठहराया है। डब्ल्यूटीओ ने यूरोपीय संघ की तरफ से साल 2005 में दाखिल शिकायत पर यह फैसला सुनाया है। हालांकि सब्सिडी की रकम को उसने यूरोपीय संघ के दावे से काफी कम माना है।
डब्ल्यूटीओ ने अमेरिका को बोईंग को दी जा रही ‘अवैध’ सब्सिडी और कर राहत रोकने का आदेश दिया है क्योंकि इससे यूरोप की प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरबस को नुकसान पहुंच रहा है। संगठन के अपीलीय निकाय ने सोमवार को कहा कि उसने पाया है कि कुछ खास सब्सिडी और कर राहत की वजह से बोइंग की कीमतें कम रहती हैं और यह 100 से 200 सीटों वाले यात्री विमानों के बाजार में एयरबस के साथ किया जा रहा गंभीर पक्षपात है। निकाय ने 200 से 300 सीटों वाले बड़े विमान और 787 ड्रीमलाइनर के शोध व विकास के लिए दी गई सब्सिडी को भी प्रतिस्पर्धा के खिलाफ और यूरोपीय समुदाय के विरूद्ध गंभीर पक्षपात बताया है। अमेरिका को इस आदेश पर अमल के लिए छह महीने का वक्त दिया गया है।
वैसे, एयरबस और बोईंग को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ में मची तकरार पुरानी है। पिछले साल मई में अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन से शिकायत की थी कि यूरोप की सरकारों ने एयरबस को प्रतिबंधित मदद की है और उसने यही सही ठहराया था। अमेरिका और यूरोप में से किसने अपनी विमान निर्माता कंपनियों को ज्यादा सब्सिडी दी है, इसका फैसला करना डब्ल्यूटीओ के लिए काफी मुश्किल रहा है।