डिशमैन फार्मास्यूटिकल्स एंड केमिकल्स (बीएसई कोड – 532526, एनएसई कोड – DISHMAN) की पहली तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं। साल भर पहले की तुलना में उसकी कुल आय 243 करोड़ रुपए से 13 फीसदी घटकर 212 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 39.2 करोड़ रुपए से 31 फीसदी घटकर 27.3 करोड़ रुपए रह गया है। कंपनी का सकल लाभ मार्जिन भी 28.2 फीसदी से गिरकर 25.8 फीसदी रह गया है। ऐसा तब है जब उसने अपनी कर्मचारी लागत 30.4 फीसदी से घटाकर 29.7 फीसदी कर ली है। ब्याज पर खर्च भी 21 फीसदी घटकर 10.4 करोड़ रुपए से घटकर 8.2 करोड़ रुपए हो गया है।
जाहिर है पिछले हफ्ते 12 अगस्त को घोषित इन नतीजों के बाद कंपनी का शेयर लगातार गिर रहा है। 208.20 रुपए से गिरता-गिरता यह 202.40 रुपए पर आ गया है। शेयर की मौजूदा बुक वैल्यू 76.86 रुपए है और 8.34 रुपए के टीटीएम ईपीएस के आधार पर उसका पी/ई अनुपात 24.28 चल रहा है जो उद्योग के औसत पी/ई अनुपात 26 के लगभग बराबर है।
लेकिन एचडीएफसी सिक्यूरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा ग्राहकों से नए कांट्रैक्ट मिलने और नए ग्राहकों के जुड़ने से कंपनी की आय इस साल 2010-11 में 21 फीसदी और अगले साल 2011-12 में 19 फीसदी बढ़ेगी। इस दौरान उसके शुद्ध लाभ में क्रमशः 37 फीसदी और 33 फीसदी का इजाफा होगा। उसका सकल लाभ मार्जिन 2009-01 में हासिल 24.5 फीसदी से सुधरकर इस साल 24.9 फीसदी और अगले साल 25.9 फीसदी हो जाना चाहिए क्योंकि कंपनी तमाम मदों पर खर्च घटा रही है। अभी नियोजित पूंजी पर कंपनी का रिटर्न (आरओसीई) 9.5 फीसदी है, जिसके अगले साल तक 13 फीसदी हो जाने का आकलन है।
डिशमैन फार्मा 1983 में बनी अहमदाबाद की कंपनी है। लेकिन इसकी इकाइयां चीन व जापान से लेकर यूरोप व अमेरिका तक में हैं। इसलिए अंतरराष्ट्रीय हलचलों का इस पर पूरा असर पड़ता है। जे आर व्यास इसके प्रबंध निदेशक हैं। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इसके बावला (गुजरात) संयंत्र में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। चीन के एसईजेड में स्थित संयंत्र में इसी तिमाही स उत्पादन शुरू हो जाने का अनुमान है। कंपनी की 16.14 करोड़ रुपए की इक्विटी दो रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसमें 60.90 फीसदी हिस्सेदारी प्रवर्तकों की है। एफआईआई के पास 8.71 फीसदी और डीआईआई के पास 12.47 फीसदी शेयर हैं।
एचडीएफसी सिक्यूरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी का ईपीएस 19.7 रुपए और अगले साल 26.3 रुपए रहेगा। 202.40 रुपए के भाव पर उसका शेयर 2010-11 के ईपीएस के 10.3 गुने और 2011-12 के ईपीएस से 7.7 गुने पर ट्रेड हो रहा है। अगर पीई अनुपात 12 भी रखें तो यह शेयर अगले 12 महीनों में 237 रुपए तक जा सकता है। इस तरह इसका साल भर का रिटर्न हो सकता है 16.1 फीसदी।
चलते-चलते बता दूं कि केसोराम इंडस्ट्रीज और बारट्रॉनिक्स के शेयर कल बीएसई में साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए। केसोराम की फैक्टरी में आग लगने की वजह से ऐसा हुआ। लेकिन ये दोनों ही मजबूत कंपनियां हैं। अगर हमारी चर्चा के बाद आपने इन्हें खरीदा हो तो अब कम भाव पर खरीद कर लागत कम कर लें। इन्हें घबराकर बेचना यकीकन घाटे का सौदा होगा।