मान्यताएं हैं जैसे कोई कंप्यूटर ग्लिच

आखिर मन में जमी मान्यताओं को कैसे काटा जाए? दरअसल, वे कंप्यूटर ग्लिच की तरह हैं। वे कंप्यूटर कोड की तरह हमारे ट्रेड ही नहीं, जीवन तक को प्रभावित करती हैं। इसलिए उन्हें हमें निष्क्रिय करना पड़ेगा, अन-इंस्टॉल करना पड़ेगा। इस काम की शुरुआत तभी हो सकती है जब हम शांत मन से उन मान्यताओं को देखना शुरू कर दें। जैसे ही उनका शिकंजा कसे, हम उन्हें दृष्टा भाव से देखने लग जाएं। अब मंगल की दृष्टि…

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