जबरदस्ती माहौल बिगाड़ने का खेल

वित्त मंत्रालय ने आखिरकार आर्थिक प्रोत्साहन से कदम वापस खींचने का संकेत दे दिया है। यह बैंकिंग और ऑटो सेक्टर के लिए नकारात्मक बात है। लेकिन पूरे बाजार के लिए यह अच्छी और सकारात्मक बात है क्योंकि इससे पता चलता है कि सरकार के अनुसार आर्थिक विकास की स्थिति इतनी मजबूत हो चुकी है कि प्रोत्साहन जारी रखने की जरूरत नहीं है।

तात्कालिक राजनीतिक मुद्दा अलग तेलंगाना राज्य का है। लेकिन यह मुद्दा बेदम होता दिख रहा है। श्रीकृष्णा समिति ने संयुक्त आंध्र प्रदेश का पक्ष लिया है। भले ही टीआरएस नेता अड़े हुए हों, लेकिन चिदंबरम ने ‘न्यायोचित व व्यावहारिक समाधान’ की पहल जारी रखी है। इसलिए इस मुद्दे पर उठी राजनीतिक धूल जल्दी ही शांत हो जाएगी।

बाजार में एक और अफवाह चलाई जा रही है कि 80 कंपनियों में घोटाला हुआ है। यह प्लांटेड व सायास चलाई जा रही अफवाह है क्योंकि आईबी रिपोर्ट का मामला ठंडा पड़ चुका है और सेबी भी कह चुकी है कि निवेशकों को चिंता नही करनी चाहिए। एक के बाद एक बुरी खबरें भारी मात्रा में उड़ेली जा रही हैं और बाजार उन्हें जज्ब करता जा रहा है। इसलिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। खोना है 5 फीसदी तो पाने की गुंजाइश 15 फीसदी है।

बाजार में अफवाहें चलती रहेंगी क्योंकि उन्हें रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। बीच-बीच में मीडिया भी निराशाजनक बातें फैला रहा है। अफवाहों और निराशा के ऐसे माहौल में ही मंदड़िए हमलावर होते हैं। निफ्टी 5700 से 6200 तक आया है तो इसमें करेक्शन होना लाजिमी था। फिर भी बाजार को नई ऊंचाई पर पहुंचना है, इसके कोई संदेह नहीं है। एफ एंड ओ के ताजा आंकड़े दिखाते हैं कि बाजार ओवरसोल्ड स्थिति में है।

निफ्टी में 6280 और 6357 वे स्तर हैं जहां वह अटक सकता है। इसलिए वह कुछ समय तक इनके बीच डोलता रह सकता है। लेकिन किसी दिन अचानक यह दायरा टूटेगा। इसलिए मेरा कहना है कि हर गिरावट पर पूरे यकीन की साथ खरीद करें और बाजार के बढ़ने पर शॉर्ट सेलिंग की कोशिश न करें क्योंकि बाजार अब भी तेजी के दौर में है। हां, शेयर काम भर का बढ़ जाए तो बेचकर थोड़ा मुनाफा भी कमाते रहें।

आरआईएल में बढ़त का सिलसिला शुरू हो चुका है। आज 1089 रुपए तक गया है, लक्ष्य 1130 रुपए का है जो तीन कारोबारी सत्रों में हासिल हो सकता है। जिंदल सॉ 216.80 तक गया, अब 222 तक पहुंचने की फिराक में है। हां, एक सूचना और। म्यूचुअल फंडों ने कल टाटा मोटर्स के 12 लाख शेयर बेचे थे। शायद इसी वजह से टाटा मोटर्स में आज करीब दो फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

भ्रम का शिकार होने पर हम हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाते हैं। लेकिन बैठने से न तो भ्रम दूर होते हैं और न ही कोई नई राह खुलती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

 

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