भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया का प्रायोजन जारी रखने के लिए सहारा इंडिया समूह की कई मांगें मान ली हैं। इससे दोनों के बीच करीब दो हफ्ते से छिड़ा विवाद सुलझ गया है। सहारा की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि वह भारतीय टीम का प्रायोजन जारी रखेगा।
बीसीसीआई ने सहारा की सबसे बड़ी मांग मान ली है कि उसे पुणे वॉरियर्स में पांच विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करने की संभावना तलाशने की अनुमति दी जाए। असल में सहारा को सबसे बड़ी शिकायत इस बात को लेकर थी कि युवराज सिंह के बीमार होने की वजह से उसके पास एक प्रमुख खिलाड़ी की कमी हो गई थी। इसी सिलसिले में उसने पांच विदेशी खिलाड़ियों की मांग रखी थी। सहारा के प्रसन्न हो जाने से भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन के साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) पर छाया संकट भी टल गया है।
बता दें कि सहारा ने चार फ़रवरी को एक बयान जारी करके भारतीय क्रिकेट टीम के प्रायोजन से हाथ खींच लिया था और आईपीएल की पुणे टीम से भी हटने की घोषणा की थी। इससे बीसीसीआई को गहरा धक्का लगा और वह गहन वार्ता में जुट गया। दोनों पक्षों की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है कि गहन चर्चा के बाद बीसीसीआई ने सहारा के अनुरोध पर ध्यान दिया और कई बातों पर सहमति जताई है।
सहारा की एक मांग यह भी थी कि आईपीएल की शीर्ष चार टीमों का ‘प्ले ऑफ मैच’ बैंगलोर की जगह पुणे में कराया जाए। इस पर भी बीसीसीआई का रवैया मान-मनौवल का रहा है। उसने कहा है, “प्ले ऑफ़ मैच कराने का अधिकार उन शहरों का होता है जिनकी टीमें पिछली बार फ़ाइनल में पहुंची थीं। इसलिए फिलहाल ये अधिकार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पास है। अगर रॉयल चैलेंजर्स को आपत्ति नहीं होती तो बीसीसीआई को पुणे में मैच कराने पर कोई एतराज नहीं है।”