सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें बैंकों को एक-दूसरे के बीच गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) सहित ऋण के टांसफर पर रोक लगाई गई थी। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बैंकों के बीच ऋण का स्थानांतरण कानूनी रूप से उचित है और बैंकिंग सेवा नियमन कानून में इसकी अनुमति है।
पीठ ने कहा, ‘‘बैंकिंग नियमन कानून में इस पर रोक नहीं है। हम हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हैं।’’ बात दें कि आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड सहित कई बैंकों ने गुजरात हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक द्वारा अपना एनपीए कोटक महिंद्रा बैंक को स्थानांतरित करने के मामले में यह आदेश दिया था। ऋण लेनेवाली एक कंपनी एपीएस स्टार इंडस्ट्रीज ने इस स्थानांतरण पर आपत्ति की थी और यह मामला अदालत चला गया था। गुजरात हाईकोर्ट की एक पीठ ने कहा था कि बैंकिंग नियमन कानून ऋण के कारोबार की अनुमति नहीं देता है।