भूत, वर्तमान और भविष्य की अनुभूति के बीच सही संतुलन जरूरी है। अतीत मिट जाए तो हम शब्दहीन, वर्तमान खो जाए तो अवसादग्रस्त और भविष्य न दिखे तो निर्जीव मशीन बन जाते हैं।
2010-12-05
भूत, वर्तमान और भविष्य की अनुभूति के बीच सही संतुलन जरूरी है। अतीत मिट जाए तो हम शब्दहीन, वर्तमान खो जाए तो अवसादग्रस्त और भविष्य न दिखे तो निर्जीव मशीन बन जाते हैं।
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संतुलन सर्वाधिक आवश्यक शब्द है।