अश्लील, भद्दे व अशोभनीय विज्ञापनों पर निगाह रखने और इन पर लोगों की राय लेने के लिए क्षेत्र की स्वैच्छिक नियामक संस्था, एएससीआई (एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया) अब सोशल नेटवर्किंग साइटों का सहारा लेने जा रही है।
वह अब फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों के माध्यम से ऐसे भद्दे विज्ञापनों पर निगाह रखेगी। उसने युवाओं को इस बात के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है कि वे फेसबुक और ट्विटर खातों के जरिये आपत्तिजनक विज्ञापन अभियानों पर अपनी राय दें।
करीब एक माह पहले एएससीआई ने फेसबुक और ट्विटर के जरिये विज्ञापनों पर राय लेनी शुरू की थी। इसके साथ ही एएससीआई को विज्ञापनों के बारे में मिलने वाली शिकायतें बढ़ गई हैं। एएससीआई के महासचिव एलन कोलाको के मुताबिक, ‘‘सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिये हम युवाओं को लक्ष्य बनाकर चल रहे हैं। इस तरह के मंच पर युवा काफी सक्रिय हैं। इसके माध्यम से हमें विज्ञापनों के बारे में शिकायतें और टिप्पणियां मिल रही हैं। इससे उद्योग के रेगुलेशन में मदद मिल रही है।’’
उन्होंने कहा कि अभी तक एएससीआई के फेसबुक और ट्विटर खातों को लेकर काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं।