सात दिन की साढ़े साती लगी सरकार पर, अण्णा तिहाड़ में तो अवाम बाहर

सत्ता के शीर्ष पदों को लोकपाल के दायरे में लाने से डरी सरकार का गजब हाल है। जिस तिहाड़ जेल में राष्ट्रमंडल खेलों के परम भ्रष्टाचारी सुरेश कलमाड़ी को रखा गया है, उसी जेल संख्या चार में भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगानेवाले अण्णा हज़ारे को भी कैद कर दिया है। अण्णा को सात दिन की न्यायिक हिरासत के तहत जेल में रखा जाएगा। हालांकि अण्णा की टीम ने सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रखी है। लेकिन उनके जेल में रहने पर भी भ्रष्टाचार के खिलाफ उमड़े जनज्वार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

एक तो अण्णा सुबह गिरफ्तारी के समय से लेकर अनशन पर हैं और तिहाड़ में रहने के दौरान के अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे, दूसरे देश के हर कोने से व्यापक जनता उनके समर्थन में सड़कों पर उतर आई है। इसलिए लगता यही है कि अगले सात दिनों तक यूपीए सरकार पर साढ़े साती लगी रहेगी। हज़ारे को जेल संख्या चार में रखा गया है जहां सुरेश कलमाड़ी और डीएमके के स्वामित्व वाले कलैगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार भी बंद हैं। हज़ारे के साथ उनके साथी राजेश, सुरेश पाठारे और मनीष सिसौदिया भी रहेंगे। तिहाड़ की इस जेल संख्या चार में कुल 2231 कैदी हैं।

मंगलवार की सुबह हज़ारे के साथ गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता व भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी अरविंद केजरीवाल को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गिरफ्तार पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के साथ जेल संख्या एक में रखा गया है। इसमें डीबी रीयल्टी के शाहिद बलवा भी बंद हैं। इस जेल में 1543 कैदी हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल अण्णा हज़ारे के दाहिने हाथ हैं। उन्होंने खड़गपुर आईआईटी के केमिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक कर रखा है।

अण्णा और उनकी टीम के प्रमुख सदस्यों को सुबह करीब साढ़े सात बजे पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके में स्थित सुप्रीम एनक्लेव से हिरासत में लिया गया। कई घंटे तक पुलिस ने बताया ही नहीं कि इन लोगों को कहां ले जाया गया है। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि अण्णा को कहां रखा गया है। बाद में दोपहर बाद अण्णा व उनके सहयोगियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जिन्होंने उन्हें सात दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इन सभी को शाम करीब सवा चार बजे तिहाड़ जेल में डाल दिया गया।

अण्णा हजारे की गिरफ्तारी की खबर फैलने के साथ ही देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हिरासत में लिए जाने से पहले हज़ारे ने एक समाचार चैनल से बातचीत में जनता से कहा कि उनकी गिरफ्तारी के बाद इस आंदोलन को मत रुकने दीजिए। यह आजादी की दूसरी लड़ाई है। पूरा विश्व जानता है कि भ्रष्टाचार भारत में किस कदर अपने पांव जमा चुका है।

इस बीच हज़ारे के साथ हिरासत में ली गईं पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी ने आरोप लगाया है कि ये सारा कुछ कांग्रेस पार्टी के कहने पर हो रहा है। उनका कहना था कि दिल्ली पुलिस हमेशा से धरनों और आंदोलनो को व्यवस्थित करती आई है इसलिए वो ख़ुद से ऐसा कोई क़दम नहीं उठाएगी। मशहूर वकील और लोकपाल क़ानून मसौदे समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा है कि वो अण्णा हज़ारे की गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।

उन्होंने कहा, “हज़ारे को हिरासत में लिया जाना गैर-कानूनी है क्योंकि उन्होंने तब तक तो धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन भी नहीं किया था। हज़ारे मयूर विहार स्थित मेरे फ्लैट पर मौजूद थे जब पुलिस आई और उन्हें ले गई। पुलिस ने हिरासत में लिये जाने का कारण नहीं बताया।” दूसरी तरफ केंद्रीय गृह सचिव आर के. सिंह का कहना है कि हज़ारे को इसलिए हिरासत में लिया गया क्योंकि उन्होंने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का इरादा जाहिर किया था। पुलिस ने शाम को किरण बेदी और शांति भूषण को रिहा कर गिया।

अंत में यह संदेश जो अण्णा ने गिरफ्तार होने के बाद सभी देशवासियों के लिए जारी किया है। इसमें उनका कहना है कि यह देश में सच्चा लोकतंत्र लाने की लडाई है…

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