एमको इंडिया केवल बीएसई (कोड – 530133) में लिस्टेड है। दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल 2.99 फीसदी गिरकर 43.85 रुपए पर बंद हुआ है। पिछले 52 हफ्तों में इसका उच्चतम स्तर 47.75 रुपए (5 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 21.10 रुपए (4 नवंबर 2009) रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 4.87 रुपए है और उसका शेयर 8.98 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। लेकिन इसकी बुक वैल्यू 62.78 रुपए है। यही इस शेयर का आकर्षण है जिसके आधार पर इसमें निवेश करने के बारे में सोचा जा सकता है।
यह नोएडा की कंपनी है। एल्यूमीनियम फॉयल और उससे जुड़े उत्पाद बनाती है। 1983 में इसका गठन हुआ था। उसके बाद धीरे-धीरे करके यह 2009-10 तक 107.83 करोड़ रुपए का टर्नओवर या आय हासिल कर चुकी है, जिस पर इसे 3.07 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था। इस साल जून 2010 की तिमाही में कंपनी की आय 30.58 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 49 लाख रुपए रहा है। असल में कंपनी पिछले छह महानों से कुछ दबाव में चल रही है। मार्च 2010 की तिमाही में उसे 27.67 करोड़ रुपए की आय पर 61 लाख रुपए का घाटा हुआ था। लेकिन अगली तिमाही में वह संभल गई और सितंबर की तिमाही भी पहले से बेहतर रहने की उम्मीद है।
इस कंपनी में एकदम निश्चिंत होकर निवेश नहीं किया जा सकता। लेकिन इस पर कुछ समय तक नजर रखी जा सकती है। अगर सितंबर तिमाही के नतीजे वाकई अच्छे रहते हैं तो इसे लंबे समय के लेना अच्छा रहेगा। कंपनी की इक्विटी 4.11 करोड़ रुपए है जबकि उसके पास 21.69 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं। यानी, उसके रिजर्व इक्विटी का लगभग पांच गुना हैं। इसी के चलते उसकी बुक वैल्यू अच्छी चल रही है। कंपनी की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 62.63 फीसदी है। घरेलू संस्थाओं (डीआईआई) ने इसके 3.49 फीसदी शेयर खरीद रखे हैं, जबकि एफआईआई ने इसे हाथ तक नहीं लगाया है।
बाकी हाल यह है कि बाजार में कानाफूसी चल रही है कि इनफोसिस इस साल का कारोबार 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान पेश करेगी और वह बोनस शेयर देने की घोषणा भी कर सकती है। कंपनी दूसरी तिमाही के नतीजे आज घोषित करेगी। हीरो होंडा अभी 1861.70 रुपए है। इसका अभी तक का न्यूनतम स्तर 1452 रुपए रहा है। लेकिन कहा जा रहा है कि यह 24 अक्टूबर को नई तलहटी तक चला जाएगा।