हमने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एफआईआई भारतीय बाजार को क्यों पसंद करते हैं। इसलिए कि वाजिब तंत्र के न होने और देश के रिटेल व छोटे निवेशकों को अहमियत न दिए जाने के चलते वे जब चाहें, बाजार को अपने हिसाब से नचा सकते हैं।
आज समूची दुनिया के बाजारों में माहौल नकारात्मक था। दलाल स्ट्रीट भी बुरे दिन की उम्मीद किए बैठा था। लेकिन भारतीय बाजार में तेजी का चक्र चल गया। बीएसई सेंसेक्स 434 अंक बढ़कर बंद हुआ है। प्री-मार्केट सत्र के दौरान सीएनएक्स निफ्टी 60 अंक नीचे चल रहा था। माहौल के अनुरूप सभी डे-ट्रेडरों ने शॉर्ट सौदे कर डाले। लेकिन उम्मीद के विपरीत निफ्टी 125 अंक का उछाल ले गया तो सारे के सारे डे-ट्रेडर फंस गए। हालांकि हमने सुबह से ही निफ्टी में खरीद की कॉल दे रखी थी।
कल भी छुट्टी का दिन है। शुक्रवार को इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के नतीजे आने हैं। अगले हफ्ते भी केवल चार कारोबारी सत्र होने हैं। इस सेटलमेंट में काम के नौ दिन बचे हैं क्योंकि 5-6 दिन तो रोलओवर में ही चले जाएंगे। इस दरम्यान बेहतर होगा कि ट्रेडर बचकर चलें और एफआईआई को निफ्टी को नचाने का खेल खेलने दें। वैसे, हमारा मानना है कि निफ्टी इसी सेटलमेंट या नहीं तो अगले सेटलमेंट में 6200 तक जा सकता है।
इधर बहुत संभव है कि बाजार 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) को थामे रहेगा और उससे नीचे नहीं जाएगा। इस दौरान सारे ऑपरेटर सक्रिय हो गए हैं। पिछले हफ्ते मुंबई में ग्रे मार्केट व आईपीओ के सभी ऑपरेटरों और वितरण विशेषज्ञों की एक बैठक भी हुई है जो इस बात का संकेत है कि अब मिड कैप स्टॉक्स में जबरदस्त हलचल खेल शुरू होनेवाली है।
हालांकि सभी निवेशक इन स्टॉक्स से जुड़े जोखिम के बारे में अच्छी तरह वाकिफ हैं। फिर भी वे इनमें निवेश करेंगे क्योंकि बिना बारी के लखपति बनने का यही एकमात्र रास्ता है। पर, हमारा ध्यान तो हर वर्ग के स्तरीय स्टॉक्स पर केंद्रित रहेगा।
एक्सचेंजों ने अपने हिसाब से चुमकर बहुत सारे शेयरों को ट्रेड फॉर ट्रेड (टीएफटी) श्रेणी में डाल दिया है। इस समय हो यह रहा है कि निवेशक की दिलचस्पी बेचने में ज्यादा है और वे ट्रेडिंग से बच रहे हैं। निवेशकों के इस रवैये से ऑपरेटरों के चेहरे खिल गए हैं क्योंकि उनको लगता है कि कम वोल्यूम के बीच भावों में धांधली करना उनके लिए बहुत आसान है और आखिरकार तीन से छह महीनों में ये स्टॉक्स ट्रेड फॉर ट्रेड श्रेणी से बाहर आ जाएंगे। तब तक इनका भाव 100 से 200 फीसदी बढ़ चुका होगा।
हमने कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स में अपनी होल्डिंग बढ़ा दी है क्योंकि हमारा मानना है कि यह स्टॉक अभी बहुत आकर्षक मूल्य स्तर पर है और संबंधित रसायनों की कीमतों में आया उछाल इस कंपनी के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह देश की इकलौती कंपनी है जो एस्ट्रोलाइट बनाती है जिसका इस्तेमाल महंगे साबुनों में खुशबू लाने के लिए किया जाता है। दुनिया में प्रॉक्टर एंड गैम्बल इसकी सबसे बड़ी ग्राहक है।
कैम्फर के सीएमडी ने हाल ही इसका ब्यौरा भी दिया है। नंदेसारी (वडोदरा) संयंत्र में विस्तार के बाद एस्ट्रोलाइट के बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 67 फीसदी हो जाएगी, जबकि अभी यह केवल 7 फीसदी है। हमें इस स्टॉक में वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसी संभावना नजर आती है जिसे हमने 35 रुपए पर चुना है और आज जो 666 रुपए के ऊपर है। कैम्फर (बीएसई – 500078) का शेयर आज 3.90 फीसदी बढ़कर 220 रुपए पर बंद हुआ है।
मैं सो गया और सपने में मैंने देखा कि जिंदगी खुशी का नाम है। मैं जगा और मैंने देखा कि जीवन एक सेवा है। मैं काम में जुट गया और मैने पाया कि सेवा ही खुशी का सच्चा स्रोत है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)