तीर ठीक निशाने पर। गुरुवार को निफ्टी बड़े आराम से 5850 का स्तर पार कर गया। वजह है इस साल भी अच्छे मानसून की अच्छी संभावना और विदेशी बाज़ारों में फ्यूचर्स की शुरुआती बढ़त। एस एंड पी 500 और डाउ जोन्स दोनों ही बढ़कर बंद हुए हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने अपने यहां कल 630.47 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की, जबकि म्यूचुअल फंडों व बीमा कंपनियों समेत घरेलू संस्थाओं की शुद्ध बिक्री 715.11 करोड़ रुपए की रही।
एनएसई में डेरिवेटिव सौदों में ओपन इंटरेस्ट की स्थिति यह है कि एफआईआई कुल 14,29,201 सौदों में लांग हैं, जबकि उनकी शॉर्ट पोजिशन 13,66,838 सौदों में है। वहीं डीआईआई 2,15,512 सौदों में लांग हैं, जबकि मात्र 20,601 सौदों में शॉर्ट। आपको शायद मालूम ही होगा कि एफ एंड सेगमेंट के सबसे बड़े खिलाड़ी एफआईआई या डीआईआई नहीं, बल्कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल्स) हैं। कल बाज़ार बंद होने पर एनएसई में उनके लांग सौदे 19,48,172 और शॉर्ट सौदे 19,07,949 थे। यानी, कुल मिलाकर लांग सौदों का पलड़ा भारी दिख रहा है।
वैसे, कौन यकीन करेगा कि डेढ़ महीने पहले ही निफ्टी 6100 के पार चला गया था। अब बाजार फिर उसी खोई मंजिल को पाने की दिशा में बढ़ रहा है। उम्मीद है कि इस महीने के तीसरे हफ्ते तक यह मंजिल हासिल हो जाएगी। तब तक दो कदम पीछे, एक कदम की जगह दो कदम आगे, एक कदम पीछे का सिलसिला चलेगा। फिलहाल निफ्टी की अगली सीढ़ी 5940 पर बन रही है। यह पार तो फिर से छह हज़ार।
निफ्टी की गति
पिछला बंद | कल का उच्चतम | कल का न्यूनतम | कल का बंद | समर्थन/बाधा |
5818.60 | 5878 | 5801.30 | 5863.30 | 5780/5890 |
टाटा ग्लोबल बेवरेजेज़ का शेयर पिछले एक महीने में 145 रुपए से गिरते-गिरते 130 रुपए तक जा चुका है। लेकिन इसमें अब उठने का रुझान दिख रहा है। कल यह 132 रुपए के पार चला गया। हालांकि बाद में बीएसई में 131.60 रुपए और एनएसई में 131.65 रुपए बंद हुआ है। यह अगले पांच दिन में 140 रुपए तक जा सकता है। यानी करीब छह फीसदी कमाने की गुंजाइश। फिर भी 125 रुपए पर स्टॉप लॉस लगाकर चलें क्योंकि यह गिरने लगा तो सरपट 100 रुपए तक जा सकता है।
टाटा ग्लोबल (बीएसई – 500800, एनएसई – TATAGLOBAL)
कल का बंद भाव | 52 हफ्ते का उच्चतम | 52 हफ्ते का न्यूनतम | भावी उम्मीद | अपेक्षित रिटर्न |
131.60 रुपए | 181.70 रुपए | 100 रुपए | 140 रुपए | +6.38% |
(भाव बीएसई के)
डिस्क्लेमर: शेयर बाजार के निवेश में सबसे ज्यादा रिस्क है। इसमें भी इंट्रा-डे सौदों में खरीदने वाले ज्यादा हुए तो शेयर बढता है और बेचने वाले ज्यादा हुए तो शेयर गिरता है। इसलिए निवेश का फैसला काफी सोच-विचार और रिसर्च के बाद ही करें। आपके निवेश के लिए हम किसी भी रूप में जिम्मेदार नहीं होंगे।