कल सुबह शुक्रवार, 15 अप्रैल को बाजार खुलने से पहले इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्त वर्ष 2010-11 के नतीजे आ चुके होंगे। तीन तिमाहियों के नतीजे सामने हैं तो चौथी तिमाही का रहस्य खुलने का इंतजार पूरे बाजार को है। उम्मीद का जा रही है कि नतीजे सकारात्मक रूप से चौंकानेवाले होंगे। कुछ इसी उम्मीद में पिछले तीन कारोबारी सत्रों में इनफोसिस का शेयर 2.45 फीसदी बढ़ चुका है। 8 अप्रैल को इसका बंद भाव 3226.95 रुपए था, जबकि कल 13 अप्रैल को यह 3306 रुपए पर बंद हुआ है।
असल में एनालिस्टों की निगाह नतीजों से ज्यादा इस बात पर है कि कंपनी चालू वित्त वर्ष 2011-12 के लिए अपनी आमदनी में बढ़त का क्या अनुमान पेश करती है, जिसे तकनीकी शब्दों में गाइडेंस कहा जाता है। इसी हफ्ते जारी स्टैंडर्ड चार्टर्ड की इक्विटी रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि इनफोसिस नए वित्त वर्ष में अपनी आय डॉलर में 18-20 फीसदी बढ़ने का अनुमान पेश कर सकती है। ब्रोकरेज फर्म शेयरखान का कहना है कि अगर 18 फीसदी वृद्धि का अनुमान रहता है तो ठीक है। इससे कम होने पर इनफोसिस को लेकर बाजार का मूड खराब हो सकता है।
इनफोसिस के बाद दो अन्य बड़ी आईटी कंपनियों – विप्रो और टीसीएस के नतीजे आएंगे। इसलिए इनफोसिस आईटी सेक्टर के स्टॉक्स को लेकर बाजार का रुख तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। माना जा रहा है कि चौथी तिमाही में कंपनी की आय 164 करोड़ डॉलर (7248.8 करोड़ रुपए) रहेगी, जबकि गाइडेंस 160 से 162 करोड़ डॉलर का रहा है। टीसीएस की आय चौथी तिमाही में 222 करोड़ डॉलर और विप्रो की 139 करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है।
असल में बाजार वित्त वर्ष की शुरुआत में ही कंपनी के अनुमानित लाभ व आय का अंदाजा लगाकर उसके स्टॉक का दाम लगाता है। इसलिए वित्त वर्ष 2010-11 में इनफोसिस क्या कमाई रहती है, बाजार के लिए इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि नए वित्त वर्ष 2011-12 के लिए खुद कंपनी क्या गाइडेंस पेश कर रही है। बता दें कि इनफोसिस ने वित्त वर्ष में 2009-10 में 21,140 करोड़ रुपए की आय पर 5803 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका ईपीएस (प्रति शेयर मुनाफा) 101.22 रुपए था। वहीं उसका टीटीएम (ठीक पिछले बारह महीनों का) ईपीएस 106.16 रुपए है और उसका शेयर अभी 31.14 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है।