प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान कर उन्हें छात्रवृत्ति देने की राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना में इस साल से बच्चों का कोई साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। साक्षात्कार लेने की परंपरा को अब छोड़ देने का फैसला किया गया है।
एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी ‘भाषा’ को बताया कि आठवीं कक्षा से शुरू होनेवाली इस राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना में विभिन्न वर्गो की राय और विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए इस योजना में संशोधन किया गया है। इसके तहत अब बच्चों का साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बच्चों को दी जाने वाली प्रतिमाह 500 रूपए की छात्रवृति अब एक साल के लिए एकमुश्त प्रदान की जाएगी।
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना के तहत हर साल 1000 बच्चों का चयन किया जाता है। इस साल से कट ऑफ अंक हासिल करने वाले सभी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी । मसलन, 200 अंकों की परीक्षा में अगर ‘कट ऑफ अंक’ 190 है और इतने अंक 30 छात्रों ने हासिल किए हैं तो 1000 बच्चों के चयन की बाध्यता नहीं रहेगी बल्कि इन सभी छात्रों को छात्रवृत्ति के योग्य माना जाएगा।
एनसीईआरटी ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पास दो और सिफारिशें भेजी हैं जिसमें छात्रवृत्ति की राशि को 500 रूपये प्रतिमाह से बढ़कर 1000 रूपये करने और इस योजना को आठवीं कक्षा के बजाय 10वीं कक्षा से शुरू करने का प्रस्ताव शामिल है। अधिकारी ने बताया, ‘‘इन दोनों प्रस्तावों पर अभी मंत्रालय से निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।’’