जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के तीसरे रिएक्टर में भी कूलिंग सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया है। उसमें भीतर से दबाव बढ़ने लगा है और वहां कभी भी विस्फोट हो सकता है। इस तरह का अंदेशा जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव युकिओ एडानो और संयंत्र के ऑपरेटर ने जताया है।
युकिओ एडानो ने रविवार को टोक्यो में दिए गए बयान में कहा कि भारी भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए न्यूक्लियर रिएक्टर वाली इमारत में हाइड्रोडन भर जाने के कारण विस्फोट का खतरा है। हालांकि यह रिएक्टर के मुख्य कंटेनर पर शायद असर न डाल पाए। लेकिन फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के ऑपरेटर ने साफ-साफ कहा है कि रिएक्टर नंबर-3 में भीतरी दबाव बढ़ रहा है। इस बीच समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट के अनुसार में जापान में शुक्रवार को आए 8.9 तीव्रता के भूकंप और भयंकर सुनामी में मरनेवालों की संख्या दस हजार के पार चली गई है।
बता दें कि शनिवार को फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र में विस्फोट के बाद मुख्य रिएक्टर की बिल्डिंग की छत पहले ही उड़ चुकी है। इस संयंत्र का संचालन टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेप्को) करती है। जापान सरकार के प्रवक्ता के शनिवार को विस्फोट के बाद कहा था कि परमाणु संयंत्र में विस्फोट के कारण आसपास की इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। सरकार ने राष्ट्रव्यापी परमाणु अलर्ट घोषित कर दिया। भूकंप के बाद रिसाव रोकने के प्रयास के तहत जापान पहले ही पांचों परमाणु संयंत्रों पर आपातकाल लगा चुका है।
फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र जापान की राजधानी टोक्यो से महज 250 किलोमीटर उत्तर में है। वहां शनिवार को मुख्य रिएक्टर में विस्फोट के बाद रेडियोधर्मी विकिरण फैलने लगा है। संयंत्र के दस किलोमीटर के दायरे में रहनेवाले करीब 45 हजार लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। असल में इस संयंत्र का वह हिस्सा पिघल रहा है जहां परमाणु ईंधन (यूरेनियम, थोरियम वगैरह) रखा होता है।