अनिल अंबानी समूह (एडीएजी) ने अपनी कंपनियों पर हुए हमले को देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ हमला बताया है। उसका कहना है कि पिछले दो हफ्ते से जिस तरह मंदड़ियों के गैर-कानूनी कार्टेल ने बाजार पर चोट की है, उससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
समूह की तरफ से उसके प्रबंध निदेशक गौतम दोशी ने कहा कि समूह की कंपनियों के शेयर मंदड़ियों की खेमेबंदी के शिकार हुए हैं। इनकी बिकवाली ने उसकी कंपनियों के शेयरों की कीमत गिरा दी । समूह ने पूंजी बाजार नियामक संस्था सेबी, स्टॉक एक्सचेंजों तथा गुप्तचर एजेंसियों से इस सारे मामले की जांच कराने की मांग की है।
गुरुवार को एक कांफ्रेंस कॉल में दोशी ने कहा कि देश के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। मंदड़ियों ने समूह के 110 लाख शेयरधारकों पर ही नहीं, देश के भविष्य पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि बाजारों को अस्थिर करने और निवेशकों के भरोसे को डिगाने के लिए मिलकर काम किया गया है। कुछ गलत तत्वों ने अफवाहें फैलाईं जिससे समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई।
दोशी के अनुसार समूह इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना चाहता है। इसके अलावा वह समूह के बारे में गैरजिम्मेदाराना बयान देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और आरएनआरएल को सेबी से हुए समझौते के बारे में ऑडिटिंग नियामक आईसीएआई से कोई नोटिस नहीं मिला है।