मनरेगा को खत्म कर लाए गए जी राम जी कानून से जिन 12 करोड़ गरीब परिवारों या प्रति परिवार औसत पांच सदस्य मानें तो 60 करोड़ गरीबों से रोज़गार का हक छीना जा रहा है, यकीनन वे देश के उन 81.35 करोड़ लोगों में शामिल होंगे, जिन्हें सरकार की तरफ से मुफ्त में हर महीने पांच किलो राशन दिया जाता है। अभी तक मनरेगा का लाभ लेनेवाले 60 करोड़ गरीबों का स्वाभिमान बचा हुआ था कि वे सरकारी कृपा या अनुदान पर नहीं जी रहे, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई से जीवन-यापन कर रहे हैं। तमाम राज्यों से रिपोर्ट आ रही हैं कि कैसे लाखों परिवार पिछले 20 साल में मनरेगा की बदौलत दरिद्रता से बाहर निकलकर सम्मान की जिंदगी जीने लगे हैं। उनके पास अपनी मेहनत से बनाया गया पक्का घर है और उनके बच्चे स्कूल व कॉलेजों में पढाई करने में समर्थ हो गए हैं। साथ ही वे गांवों में खेती-किसानी में बेहतर मजदूरी के लिए मोलतोल भी कर ले रहे हैं। लेकिन अब नए कानून में उन्हें साल में फसली सीजन में 60 दिनों तक कोई सरकारी काम नहीं मिलेगा और उन्हें भूस्वामियों की कृपा पर निर्भर रहना पड़ेगा। अभी तक भूस्वामी किसानों को भी इस योजना का फायदा मिला करता था क्योंकि कुओं से लेकर तालाब तक मनरेगा में बन जाया करते थे। अब मंगलवार की दृष्टि…
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